लॉ एंड ऑर्डर मामले में बीजेपी और सीपीआईएम से टीएमसी को सलाह की जरूरत नहीं : डोला सेन

पश्चिम बंगाल लॉ एंड ऑर्डर मामले में बीजेपी और सीपीआईएम से टीएमसी को सलाह की जरूरत नहीं : डोला सेन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-27 09:00 GMT
लॉ एंड ऑर्डर मामले में बीजेपी और सीपीआईएम से टीएमसी को सलाह की जरूरत नहीं : डोला सेन
हाईलाइट
  • सदन में रूपा की एक्टिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा के मामले में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) सरकार चौतरफा निशाने पर है। वहीं टीएमसी इसे साजिश करार दे रही है।

टीएमसी सांसद डोला सेन ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा ममता बनर्जी के कार्यकाल में बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर सबसे अच्छा है। ममता दी ऐसी ही नेता हैं जो कानून व्यवस्था के मामले में कोई कंप्रोमाइज नहीं करती। बीजेपी और सीपीआईएम की ओर से हमे (टीएमसी) को सलाह की जरूरत नहीं है।

सवाल- बीजेपी टीएमसी नेताओं पर बीरभूम मामले में गम्भरी अरोप लगा रही है, कि टीएमसी नेताओं को इस दु:खद घटना पर कोई अफसोस नहीं है?

जवाब- जिस तरह से रूपा गांगुली, बीरभूम हिंसा का जिक्र करते हुए लोकसभा में रो पड़ी थीं क्या इसे दु:ख कहते हैं। हम नहीं मानते, हम उसे रूपा की एक्टिंग मनाते हैं। टीएमसी सरकार राज्य में जो भी कदम उठाए जाने चाहिए थे सब उठाये गए लेकिन कम से कम बीजेपी नेताओं की तरह झूठा दुख और झूठे आंसू और एक्टिंग कर इस मामले में राजनीति नहीं कर रहे हैं। देखिए रूपा जी जितना भी आंसू बहा लें लेकिन लेकिन जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि बीरभूम मामले में प्रदेश सरकार की ओर से कोई राजनीति नहीं की गई। अब उनका राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है ऐसे में वह एक नए अभिनय से बीजेपी को प्रभावित करने के प्रयास में जुटी हैं।

सवाल- पश्चिम बंगाल में सरकार के लॉ एंड ऑर्डर जिस तरह है लगातर सवाल उठ रहे हैं, ये भी कहा जा रहा है कि राज्य में अब गुंडा राज का वर्चस्व हो गया है?

जवाब- राज्यपाल संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ काम कर रहे हैं। फिलहाल बीरभूम हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तेजी से उठाए गए कठोर कदमों की जानकारी प्रदेश सरकार ने गृह मंत्री को दी है। सीएम ममता ने बहुत बेहतर ठंग से राज्य में कानून व्यवस्था को सम्भला पर कुछ घटनाओं से पूरे प्रशासन और सरकार के काम काज पर सवाल उठाना गलत है। ममता बनर्जी के कार्यकाल में बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर सबसे अच्छा है।

सवाल- बीरभूम हिंसा पर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने इस पूरी घटना के खिलाफ केंद्र सरकार से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है! वहां बड़े पैमाने पर हत्याएं हो रही हैं। लोग पलायन कर रहे हैं। राज्य अब रहने के लायक नहीं है?

जवाब- बीजेपी अगर ये सवाल पूछती है तो हम कहेंगे ये विपक्ष बताए कि गुजरात में बीजेपी पावर में है, वहां क्या हुआ, हमें यह बताने किसी की जरूरत नहीं है। गोधरा में जेनोसाइड हुआ। मैं खुद गोधरा गई थी और मैंने वहां के हालात का जायजा भी लिया था। क्या बीजेपी सरकार ने अपने राज्यों में इस तरीके की कभी कोई कार्यवाही की जिस तरीके से ममता बनर्जी की ओर से की जा रही है। पीएम मोदी की बीजेपी की ओर से टीएमसी को कुछ सलाह लेने की जरूरत नहीं है। उत्तरप्रदेश में जिस तरह की घटनाएं हुई ये सबको पता है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते किसानों को कुचल कर मार दिया गया। उत्तर प्रदेश में अन्य बच्चों के साथ दूसरे की की घटनाएं हुईं, मामले में क्या कार्रवाई की गई। टीएमसी के नेताओं ने भी वहां जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। बंगाल में नरसंहार करने वाले सीपीएम को भी हम जानते हैं। हालांकि बीरभूम के रामपुरहाट में जो हुआ, वह खराब हुआ। ऐसा नहीं होना चाहिए था।

सवाल- संसद के बजट सत्र के दूसरा चरण जा रही है आपकी तरफ से कौन-कौन सी मांगे उठाई गई और अब आने वाले दिनों में आप की तरफ से कौन सी मांग उठाई जाएगी।

जवाब- इस सत्र में हमने पिछली बार किसी कानूनों का मुद्दा उठाया था, डीजल और पेट्रोल के बढ़े हुए दामों का मुद्दा उठाया। अब अगले कुछ दिनों में मैं लेबर और एंप्लॉयमेंट के मसले पर राज्यसभा में जनता के इस मुद्दे को उठाने जा रही हूं। करीब 12 मिनट बोलने का मुझे समय मिला है। बेरोजगारी और मजदूरों की बहुत सी समस्याएं हैं जिसका केंद्र सरकार को हल निकालना चाहिए लेकिन देश में केवल जाति और धर्म की राजनीति हो रही है विकास के कामों पर केंद्र सरकार की कोई नजर नहीं है।

 

(आईएएनएस)

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