महंत नरेन्द्र गिरि की षोडशी कर्मकांड एवं अनुष्ठान 13 अखाडों के प्रतिनिधियों के बीच संपन्न हुआ
प्रयागराज महंत नरेन्द्र गिरि की षोडशी कर्मकांड एवं अनुष्ठान 13 अखाडों के प्रतिनिधियों के बीच संपन्न हुआ
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की षोडशी कर्मकांड एवं अनुष्ठान में सभी 13 अखाडों के प्रतिनिधियों के बीच संपन्न हुआ। महंत नरेन्द्र गिरी के षोडशी कार्यक्रम में गुद्दड अखाड़े को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। गुद्दड़ अखाडे के महात्मा षोडशी संस्कारों में भोजन के उपरांत दान ग्रहण करते हैं। गुद्दड अखाड़े से जुउे महात्मा हरिद्वार, काशी, नाशिक , उज्जैन सहित कई शहरों में रहते हैं। षोडशी में सर्वप्रथम उन्हें भोजन करवाने के बाद भण्डारा आरंभ किया जाता है अखाड़े से जुडे महात्मा को 16 प्रकार का दान दिया जाता है शेष अन्य महात्माओं को उचित दक्षिणा दी जाती है। निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने बताया कि गृहस्थ की मृत्यु के बाद उसका कर्म 13वें दिन होता है। संत-महात्मा की मृत्यु के बाद उनका कर्मकाण्ड 16वें दिन होता है। यह परंपरा सनातनकाल से चली आ रही है। उसी परंपरा के अनुसार गृहस्थ की 13वीें में 13 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दान-दक्षिणा दी जाती है और उनका आदर सत्कार कर विदा किया जाता है। उन्होने बताया कि संत-महात्मा के कर्म में भी 16 ऐसे सन्यासियो को दान-दक्षिणा दी जाती है जिन्होने अपना पिंडदान किया होता है। इन संत-महात्माओं को नरेन्द्र गिरी की पसंद की 16 भौतिक चीजों का दान दिया जाएगा। उन्होने बताया कि सनातन धर्म में गृहस्थ की मृत्यु के बाद उसके शु्द्धि के दिन महाब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है, उसी प्रकार 16वें दिन हरिद्वार के गुद्दड अखाड़े के सन्यासियों को दान-दक्षिणा दी जाती है।
वार्ता