अब आतंकवाद का होगा खात्मा! एनएसए अजित डोभाल ने इंडोनेशिया के साथ मिलकर तैयार किया ये खास रणनीति
आतंक पर वार अब आतंकवाद का होगा खात्मा! एनएसए अजित डोभाल ने इंडोनेशिया के साथ मिलकर तैयार किया ये खास रणनीति
- अजित डोभाल के इस रणनीति से आतंक को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत हमेशा से आंतक के खिलाफ रहा है। देश व विदेशी मंचों पर भारत ने बिना किसी लाग-लपेट के आंतक को चलाने वाले सरगना आतंकी संगठन को आड़े हाथों लेता रहा है। इन्हीं आंतकवादियों को सबक सिखाने के लिए भारत व इंडोनेशिया दोनों देश मिलकर एक नई पहल करने जा रहे हैं। जिसमें भारत और इंडोनेशिया देश के सुरक्षा सलाहकार मुस्लिम उलेमाओं से आंतकवाद पर चर्चा करने वाले हैं। इस दौरान आंतक के खिलाफ कैसे लड़ा जा सके और पूरी दुनिया को शांति के राह पर ले जाने समेत मुद्दों पर बात हो सकती है।
अजित डोभाल से होगी इस मुद्दे पर बात
गौरतलब है कि इंडोनेशिया के सुरक्षा सलाहाकार मोहम्मद महफूद माहमोदिन दो दिवसीय भारत दौरे पर आए हुए हैं। जिनकी मुलाकात भारतीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल से होनी है। जिसमें सुरक्षा से लेकर आंतकवाद के मुद्दे पर बात होनी है। इसके अलावा महफूद विदेश मंत्री व पीएम मोदी से भी चर्चा करने वाले हैं। आंतकवाद के मुद्दे पर चर्चा के समय 25 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद रहेंगे। जिसमें इंडोनेशिया और भारत के मुस्लिम धर्मगुरू और हिंदू व कैथोलिक के जानकार शिरकत करने वाले हैं। इस पूरे अंतरधार्मिक सौहार्द की देखरेख इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर कर रहा है। जब भारत के सुरक्षा सलाहकार पिछले दिनों इंडोनेशिया गए हुए थे, तभी महफूद की दौरे की पेशकश की गई थी।
इस मुद्दे से जितने लोग जुड़े हुए है उनका कहना है कि दोनों देश इस्लाम के प्रति अटूट विश्वास करते हैं और दोनों देश आपसी हितों का ध्यान रखते हुए धर्मगुरूओं से आंतक पर बातचीत करेंगे। इस बैठक में सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सबसे पहले भाषण देंगे। जिसके बाद महफूद महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। हालांकि, इस बैठक के तीन चरण होने वाले है। जिसमें पहले बैठक का नाम इस्लाम कंटीन्यूटी एंड चेंज, दूसरे का हार्मोनाइजिंग इंटरफेथ सोसाइटी वहीं तीसरे का नाम काउंटरिंग रैडिकलाइजेशन एंड एक्स्ट्रीमिजम इन इंडिया एंड इंडोनेशिया दिया गया है।
मुस्लिम धर्मगुरू से चर्चा करने के बाद इंडोनेशिया के उलेमा भारत के अन्य धर्मों के नेताओं से भी मुलाकात करने वाले हैं। इस बैठक करने का मात्र उद्देश्य यह है कि सभी धर्म के लोग साथ में रहे और शांति से देश की उन्नति में सब अपना सहयोग दें। भारत व इंडोनेशिया देश में विभिन्न प्रकार के धर्मों के लोग रहते हैं। इस तरह की बैठक पहले भी हो चुकी है। जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति दिसंबर 2016 में भारत के दौरे पर हुए थे। तब इसकी बैठक पहली बार 2018 में की गई थी। जिसमें दोनों देश आंतकवाद के खिलाफ अपनी हामी भरी थी।