अयोध्या मामले पर आज SC में सुनवाई, मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट पर होगा विचार
अयोध्या मामले पर आज SC में सुनवाई, मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट पर होगा विचार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजे जाने के दो महीने बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगा। इस मामले की सुनवाई के लिए बनाई गई बेंच में चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डॉ. डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नज़ीर शामिल है। मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह 10.30 बजे होगी जिसमें मध्यस्थता के लिए बनाई कमेटी की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अयोध्या विवाद की मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाले एक पैनल के पास भेजा था। इस मामले में पक्षकारों के बीच आम सहमति की कमी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये कदम उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने आठ सप्ताह के भीतर कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया था। पैनल के अन्य दो सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू हैं।
सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट की बेंट ने कार्यवाही को गोपनीय रखने की आवश्यकता पर जोर दिया था ताकि अवांछित टिप्पणियों और विवादों से संवाद बाधित न हो। शीर्ष अदालत 30 सितंबर, 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही है। इस फैसले में हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, उत्तर प्रदेश और रामलला के बीच विवादित 2.77 एकड़ भूमि का तीन-तरफा विभाजन का आदेश दिया गया था। हिंदू एक्ट के तहत इस मामले में रामलला भी एक पक्षकार हैं।
बता दें कि अयोध्या में 2.77 एकड़ परिसर में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद है। इसी परिसर में 0.313 एकड़ का वह हिस्सा है, जिस पर विवादित ढांचा मौजूद था। इस हिस्से को 6 दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था। रामलला अभी इसी 0.313 एकड़ जमीन के एक हिस्से में विराजमान हैं। केंद्र ने 2.77 एकड़ के विवादित परिसर समेत कुल 67.703 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।