जंतर मंतर पर धरने पर बैठीं स्टार महिला पहलवानों ने कोर्ट में दायर की याचिका, कपिल सिब्बल ने दिल्ली पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप
पहलवानों का प्रदर्शन जंतर मंतर पर धरने पर बैठीं स्टार महिला पहलवानों ने कोर्ट में दायर की याचिका, कपिल सिब्बल ने दिल्ली पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे देश के स्टार पहलवानों ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। महिला खिलाड़ियों की याचिका पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को समन भेजा है। इन खिलाड़ियों ने कहा कि यौन शोषण जैसे गंभीर मामले में दिल्ली पुलिस ने न ही हम सबों की एफआईआर दर्ज की है और न ही कोई कार्रवाई की है।
आज अदालत में 7 महिला पहलवानों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच के सामने याचिका दाखिल की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये सभी ऐसी महिलाएं है, जिन्होंने देश के लिए मेडल जीते हैं। ये सभी महिलाओं ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। सिब्बल ने यह भी कहा कि इनमें एक ऐसी महिला खिलाड़ी है,जिनके साथ 16 साल की उम्र शोषण किया गया। साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि कई महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थीं, लेकिन इस पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
दिल्ली पुलिस को देना होगा जवाब
कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि गंभीर आरोप पर शिकायत दर्ज करना पुलिस का कर्तव्य है। ऐसे में यदि पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है तो उस पर कानूनन अधिकारियों के खिलाफ भी कर्रवाई हो सकती है। वरिष्ठ वकील सिब्बल ने आगे कहा,"सुप्रीम कोर्ट भी अपने पुराने फैसलों में यह कह चुका है कि इस तरह के अपराध की शिकायत पर पुलिस को एफआईआर लिखनी चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।"
कपिल सिब्बल की दलील
वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि महिला पहलवान की जो भी शिकायत है उसे सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दे दिया गया है। इनमें वीडियो सबूत सहित दूसरे सबूत शामिल हैं। इसके अलावा सिब्बल ने अदलात से अपील की इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। कपिल सिब्बल की इस दलील को चीफ जस्टिस की बेंच ने स्वीकार कर लिया है। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि सीलबंद लिफाफे में दी गई शिकायत को वापस सील कर दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने भरोसा दिया कि याचिकाकर्ता खिलाड़ियों का नाम भी सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
अदालत में पेश होगी दिल्ली पुलिस
पीठ ने इस बात को भी स्वीकार किया कि महिला खिलाड़ियों द्वारा भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर है। अदालत अब 28 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई करेगी। इस दिन दिल्ली पुलिस को भी को अदालत में पेश होना होगा। और उन्हें बताना होगा कि उसने खिलाड़ियों की ओर से किए गए एफआईआर पर ऐक्शन क्यों नहीं लिया।