हरियाणा: JJP ने नहीं खोले पत्ते, चौटाला बोले- कुछ विधायक कांग्रेस और कुछ बीजेपी के समर्थन में
हरियाणा: JJP ने नहीं खोले पत्ते, चौटाला बोले- कुछ विधायक कांग्रेस और कुछ बीजेपी के समर्थन में
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जननायक जनता पार्टी (JJP) हरियाणा में बीजेपी का साथ देगी या फिर कांग्रेस का इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है? जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को कहा, "हमारे कुछ विधायक कांग्रेस और कुछ बीजेपी के साथ सरकार बनाने के पक्ष में है। आगामी कुछ दिनों में इस पर फैसला लिया जाएगा।"
चौटाला ने कहा "जो भी पार्टी हमारे साझा न्यूनतम कार्यक्रम के साथ सहमत होगी उसी के साथ हम प्रदेश में सरकार बनाएंगे।" जेजेपी के साझा न्यूनतम कार्यक्रम में हरियाणवियों के लिए 75% नौकरियों में आरक्षण और चौधरी देवीलाल के वृद्धावस्था पेंशन का आईडिया प्रमुख है। चौटाला को विधायक दल का नेता भी चुना गया है।"
चौटाला ने कहा, "अब तक हमने इस मुद्दे पर किसी से बात नहीं की है क्योंकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी एजेंडे पर स्पष्ट नहीं थी। अब हम अधिकृत हो गए हैं, हम संबंधित लोगों से बात करेंगे। कुछ ही घंटों में या कुछ दिनों में हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।"
Dushyant Chautala, JJP: The party which will agree to our Common Minimum Program under which we had taken the resolution of 75% jobs reservation for Haryanvis, that of Chaudhary Devi Lal"s idea of old age pension, JJP will give its support to that party. #HaryanaAssemblyPolls pic.twitter.com/yUkUTOOpoh
— ANI (@ANI) October 25, 2019
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की सभी 90 सीटों के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में खट्टर के नेतृत्व में 47 सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार 40 सीट पर सिमट गई है। बावजूद इसके वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं कांग्रेस 31 सीटों पर कब्जा जमाकर दूसरे स्थान पर है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के खाते में 15 सीटें मिली थीं। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने 10 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा और कांग्रेस के सरकार बनाने के समीकरणों को बिगाड़ दिया है।
इन चार गठजोड़ से हरियाणा में बन सकती है सरकार:-
भाजपा और निर्दलीय का गठजोड़:- भाजपा ने 40 सीटें जीतीं हैं। बहुमत के लिए उसे 6 सीटें और चाहिए। भाजपा को ये सीटें निर्दलीय उम्मीदवार दे सकते हैं। ये वही उम्मीदवार हैं, जो बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बागी बनकर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। अब माना जा रहा है कि अपनी मूल पार्टी से इनकी सुलह हो जाए और अपना समर्थन देकर मनोहर लाल खट्टर को दोबारा मुख्यमंत्री बनवा दें। बीजेपी इन्हें बड़ा पद ऑफर कर सकती है, क्योंकि खट्टर सरकार के बड़े-बड़े मंत्री हार का मुंह देखकर मैदान से बाहर हो चुके हैं।
कांग्रेस-जेजेपी-अन्य का गठजोड़:- कांग्रेस के पास 31 और जेजेपी के पास 10 सीटें हैं। इस लिहाज से कांग्रेस-जेजेपी और अन्य का गठबंधन सरकार बनाना चाहे तो उसे 5 और सीटों की जरूरत पड़ेंगी। ये सीटें अन्य दलों से आएंगी, लेकिन 10 अन्य उम्मीदवारों में 6 भाजपा के बागी हैं, जिनका कांग्रेस में जाना मुश्किल है। अन्य बचे 4 कांग्रेस को समर्थन दे भी दें तो भी कुल 45 सीटें होंगी। ऐसी सूरत में भाजपा का कोई बागी नेता कांग्रेस का साथ दे तो बात बन सकती है। वहीं जेजेपी बिना शर्त किसी पार्टी को समर्थन नही देगी।
भाजपा को चौटाला का समर्थन:- ऐसी खबर सामने आ रही हैं कि चौटाला ने भाजपा को समर्थन देने की बात कही है। ऐसे में भाजपा आसानी से सरकार बना सकती है, लेकिन दिक्कत यह है कि भाजपा दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री पद नहीं दे सकती, क्योंकि दोनों पार्टियों में सीटों का अंतर काफी ज्यादा है। हालांकि बीजेपी चौटाला को डिप्टी सीएम बनाकर और निर्दलीयों का समर्थन लेकर हरियाणा में मजे से सरकार बना सकती है।
हरियाणा में कर्नाटक फॉर्मूला:- हरियाणा में भी कर्नाटक फॉर्मूला लागू हो सकता है। कर्नाटक में कांग्रेस के पास ज्यादा सीटें होते हुए भी उसने जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया था। वहां भी हरियाणा जैसे हालात थे, क्योंकि किसी पार्टी को बहुमत नहीं था, लेकिन कांग्रेस ने गैर-बीजेपी सरकार बनाने का आह्वान करते हुए सीएम कुर्सी की कुर्बानी दी और कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया। यह अलग बात है कि सरकार शुरू से डांवाडोल रही और अंततः गिर गई। कांग्रेस चाहे तो ऐसा फॉर्मूला हरियाणा में लागू कर जेजेपी का समर्थन ले सकती है।