तेजस्वी को CM, खुद पीएम बनना चाहते थे नीतीश, प्रशांत किशोर ने रखा था प्रस्ताव:राबड़ी
तेजस्वी को CM, खुद पीएम बनना चाहते थे नीतीश, प्रशांत किशोर ने रखा था प्रस्ताव:राबड़ी
- जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी मिलकर रखा था प्रस्ताव।
- नीतीश ने तेजस्वी को सीएम और खुद को पीएम उम्मीदवार बनाने को कहा था।
- बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने किया खुलासा।
- महागठबंधन में वापस आना चाहते थे नीतीश कुमार।
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने खुलासा किया है कि, नीतीश कुमार महागठबंधन में वापस आना चाहते थे। उन्होंने कहा, नीतीश ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को कहा था। चुनावी रणनीतिकार और जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी उनसे मुलाकात कर नीतीश को पीएम बनाने का प्रस्ताव रखा था।
Rabri Devi: Nitish Kumar wanted to come back, he had said that I want to see Tejashwi as CM in 2020 and you declare me as PM candidate. Even, Prashant Kishor came to meet us five times after our alliance had ended. pic.twitter.com/88sghakpcq
— ANI (@ANI) April 13, 2019
राबड़ी देवी ने कहा, नीतीश कुमार वापस आना चाहते थे, उन्होंने कहा था कि मैं तेजस्वी को 2020 में सीएम के रूप में देखना चाहता हूं और आप मुझे पीएम उम्मीदवार घोषित करें। यहां तक कि प्रशांत किशोर हमारे गठबंधन समाप्त होने के बाद पांच बार हमसे मिलने आए। इससे पहले राबड़ी ने ये भी दावा किया था कि, नीतीश कुमार की तरफ से उनके राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर जेडीयू और आरजेडी के विलय का प्रस्ताव लाए थे।
राबड़ी के इस दावे पर प्रशांत किशोर ने कहा था, सार्वजनिक कार्यालय के दुरुपयोग और धन के दुरुपयोग के आरोपों में दोषी पाए जाने वाले लोग सच्चाई के संरक्षक होने का दावा कर रहे हैं। लालू जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया।
Those convicted or facing charges of abuse of public office and misappropriation of funds are claiming to be the custodians of truth.@laluprasadrjd जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 13, 2019
पांडे जी, तुम्हारी जितनी उम्र है उससे ज़्यादा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को राजनीतिक अनुभव है। तुम्हारे जैसे पता नहीं कितने बाज़ारू लोग और छुईमुई नेता आए-गए एवं बनाए-बिगाड़े है। तुम्हारी फ़्रॉडगिरी यहाँ नहीं चलेगी।अपने आप को नीतीश-मोदी के सामने बेचो।पोल खोल दी तो कहीं के नहीं रहोगे। https://t.co/wjU8HWuEZb
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) April 13, 2019
राबड़ी देवी ने जवाब में कहा, हमारे सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी इस बात के गवाह हैं कि उन्होंने हमसे कम से कम पांच बार मुलाकात की। उनके प्रस्ताव से मैं बहुत नाराज हो गई और उनसे निकल जाने को कहा क्योंकि नीतीश के धोखा देने के बाद मुझे उन पर भरोसा नहीं रहा।
राबड़ी ने कहा था, प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद यादव के सामने प्रस्ताव रखा था कि जेडीयू और आरजेडी का विलय हो जाना चाहिए। प्रशांत ने यह भी कहा था, विलय से बनी नई पार्टी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। अगर प्रशांत किशोर, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से इस प्रस्ताव को लेकर मुलाकात करने से इनकार करते हैं तो वह सफेद झूठ बोल रहे है।