जांच पर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

जांच पर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-30 03:14 GMT
जांच पर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रेयान इंटनेशनल स्कूल में बेदर्दी से मारे गए सात साल के मासूम प्रद्युम्न के मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। ये याचिका प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने दायर की थी। 30 अक्टूबर को प्रद्यूम्न के माता-पिता ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए दिल्ली के रामलीला मैदान में कैंडल मार्च भी किया, जिसमें कई बच्चों के माता-पिता शामिल हुए। हालांकि पहले यह कैंडल मार्च इंडिया गेट पर होने वाला था। 

गृह मंत्रालय ने नहीं दी इंडिया गेट पर कैंडल मार्च की इजाजत


इससे पहले 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रद्युम्न की हत्या के सिलसिले में पिंटो परिवार के मालिकों और रेयान इंटरनेशनल स्कूल के ट्रस्टी को नोटिस जारी किया था। प्रद्युम्न के पिता के अनुसार, "गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च की इजाजत देने से इनकार किया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, हम सभी अभिभावक इसकी निंदा करते हैं। इस मार्च के जरिए उनका सिर्फ यही उद्देश्य है कि उनके बच्चे को न्याय मिले और हर बच्चे की स्कूलों में सुरक्षा को लेकर लोग सजग रहें। इस कैंडल मार्च कार्यक्रम का आयोजन वरुण ठाकुर के प्रद्युम्न फाउंडेशन द्वारा किया गया। 

 

सुस्त रफ्तार से जारी है सीबीआई जांच !


हालांकि इस मामले में सीबीआई जांच जारी है। इसके बाद भी कोई सही नतीजा निकलकर सामने नहीं आया है। प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि सीबीआई हमसे जानकारी साझा नहीं कर रही है। वहीं सीबीआई ने इसे प्रोटोकॉल बताया। वरुण ठाकुर ने कहा सीबाआई ने हमें भरोसा दिलाया कि चार्जशीट फाइल करने के बाद जो भी जांच में तथ्य सामने आएंगे, वह सार्वजनिक तौर पर साझा होंगे। बता दें कि गुड़गांव के 360 निजी स्कूलों में से 135 स्कूलों ने अभी तक सुरक्षा सर्टिफिकेट जमा नहीं कराए हैं। गुड़गांव के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर अभी भी सवालिया निशान खड़ा है। दरअसल सुरक्षा सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग में जमा कराने के डीसी के आदेश को अब भी कई स्कूल सीरियसली नहीं ले रहे हैं।

 

वहीं एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि बीते 4 सालों से भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में एक भी बार निरीक्षण नहीं किया गया। इस स्कूल की तरफ से सुरक्षा सर्टिफिकेट भी नहीं जमा है। पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रामफल के अनुसार, स्कूलों को 11 अक्टूबर की डेडलाइन के बाद दूसरा चांस नहीं दिया जाना चाहिए। स्कूलों को दिए गए समय के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से इन स्कूल प्रबंधनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।  

 

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