शहीद करकरे पर टिप्पणी कर फंसी साध्वी , EC ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

शहीद करकरे पर टिप्पणी कर फंसी साध्वी , EC ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-20 10:27 GMT
शहीद करकरे पर टिप्पणी कर फंसी साध्वी , EC ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
हाईलाइट
  • जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस जारी कर 24 घंटे में मांगा जवाब।
  • शहीद हेमंत करकरे पर टिप्पणी कर फंसी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। बीजेपी की भोपाल लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शहीद हेमंत करकरे पर टिप्पणी कर चुनाव आयोग के निशाने पर आ गई हैं। शनिवार को भोपाल जिला चुनाव अधिकारी और कलेक्टर ने नोटिस जारी कर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आचार संहिता के तहत एक दिन के भीतर हेमंत करकरे पर उनकी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण देने को कहा है। साध्वी प्रज्ञा ने मुम्बई के आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर यातना देने का आरोप लगाया था, हालांकि बाद में उन्होंने माफ़ी भी मांग ली थी। 

गौरतलब है कि, एक सभा के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, हेमंत करकरे ने मेरे साथ गलत व्यवहार किया था और मुझे मालेगांव ब्लास्ट मामले में गलत तरीके से फंसाया था। साध्वी ने कहा, "मैंने उसे कहा था, तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई सूतक लगा चुका था। जब उसे आतंकियों ने मारा तब सूतक खत्म हुआ।

साध्वी ने कहा था, "जो जांच आयोग बिठाया गया था उस आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया। आयोग्य के सदस्य ने करकरे से कहा जब तुम्हारे पास इनके खिलाफ सबूत नहीं है तो साध्वी जी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। वो व्यक्ति (करकरे) कहता है मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर आउंगा, बनाऊंगा, करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।" हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख साध्वी ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा था, यदि उनके बयान से किसी को दुख पहुंचा है तो वो बयान वापस लेती हैं।

आतंकियों से लड़ते शहीद हो गए थे करकरे
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। तब खबर मिली कि आतंकी कॉर्पोरेशन बैंक के पास लाल रंग की कार के पीछे छिपे हुए है। हेमंत करकरे अपने दस्ते के साथ वहां पहुंचे तो आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इसी दौरान उन्हें तीन गोलियां लग गई, लेकिन उन्होंने कसाब को जिंदा पकड़ लिया। वहीं मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच भी हेमंत के पास थी।  

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