एनआईए ने लश्कर के पांच आतंकियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया
दरभंगा रेल विस्फोट एनआईए ने लश्कर के पांच आतंकियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया
- आतंकवादियों ने चलती हुई रेलगाड़ी के भीतर विस्फोटक सामग्री रखकर आग लगाने की योजना बनाई थी
- एनआईए ने दरभंगा रेलवे स्टेशन बम विस्फोट मामले में आरोप पत्र दाखिल किया
डिजिटल डेस्क, पटना। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)ने दरभंगा रेलवे स्टेशन बम विस्फोट मामले में बिहार में पटना स्थित एनआईए की विशेष अदालत में लश्कर के पांच आतंकवादियों के खिलाफ गुरूवार को आरोप पत्र दाखिल किया। एनआईआई सूत्रों ने बताया कि यह आरोप पत्र मोहम्मद नासिर खान उर्फ नासिर मलिक ,इमरान मलिक, सलीम अहमद उर्फ हाजी सलीम, काफिल अहमद उर्फ काफिल और मोहम्मद इकबाल उर्फ इकबाल काना के खिलाफ भारतीय दंड़ संहिता और विस्फोटक सामग्री अधिनियम तथा गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल की गई है।
सूत्रों ने बताया कि इकबाल काना इस समय पाकिस्तान के लाहौर में रह रहा है। गौरतलब है कि दरभंगा रेलवे स्टेशन पर इस वर्ष जून में एक विस्फोट हुआ था और इसके बाद एक मामला दर्ज किया गया था। कुछ दिनों बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। एनआईए ने अपनी जांच में पाया था कि लश्कर के आतंकवादियों ने लंबी दूरी की एक चलती हुई रेलगाड़ी के भीतर विस्फोटक सामग्री रखकर उसमें आग लगाने की योजना बनाई थी।
उनकी योजना काफी बड़े पैमाने पर जानमाल के नुकसान की थी। इस मामले को पाकिस्तान से हाफिज इकबाल उर्फ काना संभाल रहा था और भारत में लश्कर के आतंकवादियों को दिशा निर्देश दे रहा था। सूत्रों ने बताया मोहम्मद नासिर खान और इमरान मलिक ने स्थानीय बाजार से रसायन सामग्री खरीदी और इससे विस्फोटक सामग्री तैयार करने के बाद इसे कपड़ों के एक पार्सल में छिपा दिया था।
इस पार्सल को सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस में बुक कराया गया था। रात में चलने के कारण इसी ट्रेन को चुना गया था और उनका मकसद इसमें विस्फोट कर वहां रखे गए अन्य पार्सलों को आग के ढेर में तब्दील करना था। जांच में यह भी पाया गया था कि आरोपी नासिर खान ने पाकिस्तान की यात्रा की थी और उसे जासूसी करने, हथियारों और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करने तथा विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी। कई बार पाकिस्तान से उसे पैसे भी भेजे गए थे। इस घटना के बाद पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं ने इन्हें नेपाल के जरिए विदेश भगाने की कोशिश की थी लेकिन इससे पहले ही एनआईए ने उन्हें धर दबोचा था। मामले की जांच अभी भी जारी है।
(आईएएनएस)