संपादकीय 'ब्लैंक' रखकर अखबारों ने किया पत्रकार की हत्या का विरोध
संपादकीय 'ब्लैंक' रखकर अखबारों ने किया पत्रकार की हत्या का विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। त्रिपुरा के बोधगंज नगर में मंगलवार (21 नवंबर) को हुए झगड़े में पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक की मौत हो गई थी। जिसके बाद इस घटना पर विरोध जताते हुए गुरुवार को कई अखबारों ने अपने संपादकीय की जगह को खाली रखा है। त्रिपुर में बीते 2 महीने में पत्रकार की मौत का ये दूसरा बड़ा मामला है।
गौरतलब है कि 21 नवंबर को हुए इगड़े में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के एक जवान ने गोली चला दी, जिसमें पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, "टीएसआर के दूसरी बटालियन कमांडेंट तपन देबबर्मा ने गोली चला दी थी जिससे सुदीप की मौके पर मौत हो गई।"
इस पूरे मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद राज्य के राज्यपाल तथागत रॉय ने पूरी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बुधवार को सौंप दी है।
पुलिस की गिरफ्त में तपन देबबर्मा
त्रिपुरा पुलिस ने बुधवार शाम को कमांडेंट तपन देबबर्मा को हिरासत में ले लिया है। बता दें कि पुलिस ने कमांडेंट को पत्रकार की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
ये है पूरा मामला
त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के कांस्टेबल ने सिर्फ छोटी सी कहासुनी होने पर बांग्ला अखबार के पत्रकार सुदीप दत्ता को गोली मार दी। इसके बाद पश्चिमी त्रिपुरा पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि ने बताया कि मौके पर पहुंचकर पुलिस ने पाया कि "स्यादंन पत्रिका" के संवाददाता खून से लथपथ थे। उन्हें अगरतला के जीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। वहीं अखबार के संपादक सुबल दे ने आरोप लगाया कि भौमिक की टीएसआर की दूसरी बटालियन के कमांडेंट तपन देब्बारमा ने मरवाया, क्योंकि उन्होंने अधिकारी की भ्रष्ट क्रियाकलापों के खिलाफ कई खबरें लिखी थीं।
इससे पहले भी 20 सितंबर को अगरतला से 35 किलोमीटर दूर स्थित मंडई में एक टेलीविजन पत्रकार शांतनु भौमिक की कथित तौर पर एक पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी थी।