मोदी कैबिनेट ने सफाई कर्मियों के निकाय के कार्यकाल को 3 तीन साल बढ़ाने की दी मंजूरी
विधानसभा चुनाव 2022 मोदी कैबिनेट ने सफाई कर्मियों के निकाय के कार्यकाल को 3 तीन साल बढ़ाने की दी मंजूरी
- 29 फरवरी
- 2004 से समाप्त हुआ राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी अधिनियम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) के कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी, जो 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाला था।
इस विस्तार का कुल वित्तीय निहितार्थ लगभग 43.68 करोड़ रुपये होगा और देश में प्रमुख लाभार्थी सफाई कर्मचारी और पहचान किए गए हाथ से मैला ढोने वाले होंगे। 31 दिसंबर, 2021 को मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट सर्वे के तहत पहचाने गए हाथ से मैला ढोने वालों की संख्या 58,098 है। एनसीएसके की स्थापना 1993 में एनसीएसके अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार, 31 मार्च, 1997 को की गई थी। बाद में अधिनियम की वैधता को शुरू में 31 मार्च, 2002 तक और उसके बाद 29 फरवरी, 2004 तक बढ़ा दिया गया था।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी अधिनियम 29 फरवरी, 2004 से समाप्त हो गया और उसके बाद आयोग के कार्यकाल को समय-समय पर प्रस्तावों के माध्यम से एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में बढ़ाया गया है। एनसीएसके सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों के संबंध में केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें दे रहा है। सफाई कर्मचारियों के लिए मौजूदा कल्याण कार्यक्रमों का अध्ययन और मूल्यांकन, विशिष्ट शिकायतों के मामलों की जांच आदि इसके जिम्मे है।
मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार, आयोग को अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी करने, केंद्र और राज्य सरकारों को इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निविदा सलाह देने और जांच करने का काम सौंपा गया है। अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन या कार्यान्वयन न होने के संबंध में शिकायतों का निवारण भी इस निकाय की जिम्मेदारी है।
सरकार ने सफाई कर्मचारियों के उत्थान के लिए हालांकि कई कदम उठाए हैं, लेकिन सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक दृष्टि से उनके द्वारा झेले गए अभाव को अभी भी दूर किया जा सकता है। हाथ से मैला ढोने की प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया गया है, लेकिन छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं, इसलिए यह उन पर भी नियंत्रण रखता है।
सीवर या सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का क्षेत्र बना हुआ है, इसलिए यह समय की जरूरत थी कि आयोग सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए सरकार के विभिन्न हस्तक्षेपों और पहलों की निगरानी करता रहे। सीवर के पूर्ण मशीनीकरण, सेप्टिक टैंक की सफाई और हाथ से मैला उठाने वालों के पुनर्वास का लक्ष्य हासिल करना भी इस निकाय का दायित्व है।
(आईएएनएस)