छत्तीसगढ़: माओवादियों का दावा, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद एक जवान को बंधक बनाया
छत्तीसगढ़: माओवादियों का दावा, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद एक जवान को बंधक बनाया
- इस साल जनवरी से 3 अप्रैल तक देश भर में 28 माओवादी मारे गए
- माओवादी प्रवक्ता ने 26 अप्रैल को भारत बंद का भी आह्वान किया है
डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों के 22 जवानों की मौत के बाद माओवादियों ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमित शाह देश के गृहमंत्री होने के बाद भी बीजापुर के तर्रेम की घटना पर बदला लेने की असंवैधानिक बात कर रहे हैं। इसके साथ ही माओवादियों ने रविवार को सुरक्षबलों से हुई झड़प के बाद एक जवान को बंधक बनाकर रखने का दावा भी किया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय के नाम से जारी बयान में कहा गया है कि यह उनकी बौखलाहट है और यह उनकी फासीवादी प्रवृत्ति को ही जाहिर कर रहे हैं। अमित शाह किस-किस से बदला लेंगे? शोषित जनता और माओवादी अलग नहीं हैं और दिन ब दिन जनता क्रांति की चेतना प्राप्त कर पूंजीवादी व्यवस्था और ब्राह्मणवाद के खिलाफ विभिन्न रूपों में संघर्ष कर रही है।
माओवादी प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि उनकी लड़ाई पुलिस के जवानों से नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस में भर्ती जवान आम शोषित जनता का ही हिस्सा है। लेकिन, दुश्मन वर्ग की तरफ से उनको हथियार बनकर जब पुलिस या अर्धसैनिक बलों की ओर से हमला करने ये जवान आते हैं तो मजबूरन हमें उनसे लड़ना पड़ता है। देश के विभिन्न राज्यों के जवानों की इस लड़ाई में मृत्यु हुई है, हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है।
माओवादी प्रवक्ता ने कहा है कि इस साल जनवरी से 3 अप्रैल तक देश भर में 28 माओवादी मारे गए हैं। प्रवक्ता ने अपने साथियों को संबोधित करते हुए कहा है कि दुश्मन के लिए हुए निर्णयात्मक टारगेट के हमले आठ माह तक नहीं रहेंगे, इसकी तीव्रता और बढ़ेगी, इसके संकेत मिल रहे हैं, ये नजर में रखते हुए हमें सतर्कता बरतनी चाहिए। माओवादी प्रवक्ता ने 26 अप्रैल को भारत बंद का भी आह्वान किया है।
एक जवान को माओवादियों ने बंधक बनाया
शनिवार को बीजापुर के तर्रेम में हुए माओवादी हमले के बाद से लापता कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास के बारे में माओवादियों ने दावा किया है कि वो उनके कब्जे में हैं। शनिवार को माओवादियों के हमले में 22 जवान मारे गये थे, जबकि 23वें जवान की कोई खबर पुलिस के पास नहीं थी।
सोमवार को संदिग्ध माओवादियों ने पत्रकारों को फोन करके बताया कि मुठभेड़ के बाद उन्होंने राकेश्वर सिंह मनहास को बंधक बना लिया था। माओवादियों ने कहा कि मनहास बिल्कुल सुरक्षित हैं और समय आने पर उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। माओवादियों ने कहा कि जम्मू में रहने वाले मनहास के परिजनों से भी उनकी बात कराई गई है।