सीमा विवाद: राहुल गांधी ने समझाई क्रोनोलॉजी, पूछा- मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ?
सीमा विवाद: राहुल गांधी ने समझाई क्रोनोलॉजी, पूछा- मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ?
- चीन से सीमा विवाद पर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला
- ट्वीट कर सरकार द्वारा दिए गए अलग-अलग बयानों का किया जिक्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में LAC पर भारत-चीन के विवाद को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। बुधवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर चीन के मुद्दे पर सरकार द्वारा दिए गए अलग-अलग बयानों का जिक्र किया। साथ ही राहुल ने पूछा, मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या फिर चीन के साथ? इतना डर किस बात का?
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, आप क्रोनोलॉजी समझिए- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि कोई सीमा में नहीं घुसा फिर चीन-स्थित बैंक से भारी कर्जा लिया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा चीन ने देश में अतिक्रमण किया और अब गृह राज्य मंत्री ने कहा अतिक्रमण नहीं हुआ। राहुल ने सवाल करते हुए कहा, मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ?
आप chronology समझिए:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 16, 2020
PM बोले कि कोई सीमा में नहीं घुसा
फिर चीन-स्थित बैंक से भारी क़र्ज़ा लिया
फिर रक्षामंत्री ने कहा चीन ने देश में अतिक्रमण किया
अब गृह राज्य मंत्री ने कहा अतिक्रमण नहीं हुआ
मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ?
इतना डर किस बात का?
बता दें कि, बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में कहा कि, पिछले 6 महीने में चीन सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है। ये बात एक सांसद के सवाल पर लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कही। अब इसी मसले पर कांग्रेस ने सरकार को घेर लिया है।
इससे पहले मंगलवार को मॉनसून सत्र के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में सीमा पर चीन से तनाव के मुद्दे पर लोकसभा में बयान दिया था। रक्षा मंत्री ने कहा था, लद्दाख के पूर्वी सीमा पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश में 90,000 वर्ग किलोमीटर पर भी अपना दावा ठोंक रहा है। इस साल अप्रैल से ही चीन ने सीमा पर गतिविध बढ़ा दी है। 29-30 अगस्त की रात में फिर से चीन ने पैंगोंग में घुसने की कोशिश की लेकिन हमारे सैनिकों ने उनके प्रयास विफल कर दिए। भारत चीन की एकतरफा गतिविधि के खिलाफ है। 1993, 1996 में हुए समझौतों के मुताबिक, दोनों देश सीमा पर कम से कम सैन्य गतिविधि करेंगे।
रक्षा मंत्री ने ये भी कहा था, सीमा पर तैनात हमारे जवानों ने संयम और शौर्य का प्रदर्शन किया। हम शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन देश की सुरक्षा के लिए हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। हमारे जवानों का जोश और हौसला बुलंद है।