कर्नाटक: कल होगा फ्लोर टेस्ट, SC ने कहा- इस्तीफों पर स्पीकर लें फैसला
कर्नाटक: कल होगा फ्लोर टेस्ट, SC ने कहा- इस्तीफों पर स्पीकर लें फैसला
- 18 जुलाई को कर्नाटक की विधानसभा में होगा फ्लोर टेस्ट
- कर्नाटक के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- कोर्ट ने बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्पीकर को दी खुली छूट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में पिछले कई दिनों से जारी सियासी घमासान पर आज (17 जुलाई) सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्पीकर केआर रमेश कुमार को खुली छूट दे दी है। ऐसे में 18 जुलाई को कर्नाटक की विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। अब इसमें विधायकों को शामिल होना है या नहीं, ये उन पर ही निर्भर है। वहीं सियासी संकट से जूझ रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शंकरपुरम में श्री श्रृंगेरी शंकर मठ में पूजा-अर्चना की।
Chief Minister of Karnataka, HD Kumaraswamy offers prayers at Sri Sringeri Shankara Mutt in Shankarapuram. #Karnataka pic.twitter.com/qzRyA2tb5s
— ANI (@ANI) July 17, 2019
दरअसल कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के बागी विधायकों और स्पीकर की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही सुनवाई पूरी कर ली थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बागी विधायकों की कोर्ट से मांग है कि वह स्पीकर को उनके इस्तीफों को स्वीकार करने का निर्देश दें जबकि स्पीकर ने कोर्ट से यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश को वापस लेने की मांग की।
Supreme Court says, "Karnataka MLAs not compelled to participate in the trust vote tomorrow." https://t.co/qSfPf8oQ2x
— ANI (@ANI) July 17, 2019
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, विधानसभा के स्पीकर ही बागी विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लेंगे। कोर्ट ने कहा, स्पीकर अपनी मर्जी के मुताबिक जो भी फैसला करना चाहते हैं, वह करें। इसके लिए समयसीमा की बाध्यता नहीं है।
कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हुए कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा, मैं ऐसा फैसला लूंगा जो किसी भी तरह से संविधान, न्यायालय और लोकपाल के विपरीत नहीं जाएगा।
Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar: I will take a decision that in no way will go contrary to the Constitution, the Court and the Lokpal. pic.twitter.com/p0QcgBJkPB
— ANI (@ANI) July 17, 2019
कर्नाटक के बागी विधायकों ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। हम सब साथ हैं। हम अपने फैसले पर कायम हैं। विधानसभा जाने का सवाल ही नहीं है।
Rebel #Karnataka MLAs in #Mumbai: We honour Supreme Court"s verdict. We all are together. We stand by our decision. There is no question of going to the Assembly. pic.twitter.com/56z1XdPnMj
— ANI (@ANI) July 17, 2019
सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया, कल के लिए रखे गए विश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने 2 महत्वपूर्ण बातें कही हैं। 15 विधायकों को कल सदन में उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। सभी 15 विधायकों को स्वतंत्रता दी गई है। वे कल सदन में जाना चाहते हैं या नहीं ये फैसला उनके ऊपर है।
Mukul Rohatgi: The three-line whip issued against them (rebel MLAs) to attend the House tomorrow is not operative in view of the SC judgement. Secondly, the Speaker has been given time to decide on the resignations as and when he wants to decide. https://t.co/VPvyWDgxzM
— ANI (@ANI) July 17, 2019
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार ने कहा, एचडी कुमारस्वामी की वजह से राज्य में अराजकता है, उन्हें इस फैसले के तुरंत बाद इस्तीफा दे देना चाहिए और विश्वास मत का इंतजार नहीं करना चाहिए।
Jagadish Shettar, BJP on SC"s verdict on Karnataka rebel MLAs case: There is anarchy in the state because of HD Kumaraswamy, he should resign immediately after this verdict and not wait for the trust vote. pic.twitter.com/Kp2XkKZ9XR
— ANI (@ANI) July 17, 2019
वहीं बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा का कहना है, निश्चित रूप से सरकार नहीं चलेगी क्योंकि उनके पास संख्या नहीं है। येदियुरप्पा ने कहा, कर्नाटक सीएम ने अपना जनादेश खो दिया है, जब कोई बहुमत नहीं है तो उन्हें कल इस्तीफा देना चाहिए। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है, बागी विधायकों के लिए एक नैतिक जीत है। यह केवल एक अंतरिम आदेश है, सुप्रीम कोर्ट भविष्य में स्पीकर की शक्तियां तय करेगा।
BS Yeddyurappa, BJP: Karnataka CM has lost his mandate, when there is no majority he must resign tomorrow. I welcome SC"s decision, it"s the victory of constitutiondemocracy, a moral victory for rebel MLAs. It"s only an interim order, SC will decide powers of Speaker in future. pic.twitter.com/LAPOFsHDK8
— ANI (@ANI) July 17, 2019
कोर्ट के फैसले पर कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, इस ऐतिहासिक फैसले ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ताकत दी है। बीजेपी के कुछ दोस्त गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं कि व्हिप मान्य नहीं है, लेकिन पार्टी व्हिप जारी कर सकती है और दलबदल विरोधी कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई कर सकती है।
DK Shivakumar, Congress on SC"s verdict on Karnataka rebel MLAs case: This landmark judgement has given strength to democratic process. Some BJP friends are trying to misguide that whip is not valid but the party can issue a whip take necessary action as per anti-defection law. pic.twitter.com/BXgqWc7I8a
— ANI (@ANI) July 17, 2019