कर्नाटक: 16 जुलाई को अगली सुनवाई, CM ने कहा- हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार
कर्नाटक: 16 जुलाई को अगली सुनवाई, CM ने कहा- हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार
- आज से शुरू हो हुआ विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई तक चलेगा
- मंगलवार तक विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता पर फैसला न लें
- संकट में एचडी कुमारस्वामी की सरकार
- सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार को दिया आदेश
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कई दिनों से जारी राजनीतिक संकट किस ओर रुख करेगा आज इसकी तस्वीर साफ हो सकती है। बागी विधायकों और विधानसभा स्पीकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुनवाई की। इसके अलावा आज से कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र भी शुरू हो गया है। कांग्रेस ने व्हिप जारी कर सभी विधायकों को सत्र में मौजूद रहने को कहा है, अनुपस्थित विधायक को अयोग्य करार करने की बात कही गई है। वहीं इस्तीफा देने वाले कर्नाटक कांग्रेस के बागी विधायक स्पीकर से मिलने के बाद फिर से मुंबई पहुंच गए हैं।
कर्नाटक मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरी बार सुनवाई हुई। लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार को आदेश दिया है कि, वो अगले मंगलवार तक कोई फैसला ना लें। इस दौरान स्पीकर ना तो विधायकों के इस्तीफे पर और ना ही अयोग्य करार होने पर फैसला ले सकते हैं। अब इस मसले पर मंगलवार यानी 16 जुलाई को सर्वोच्च अदालत में सुनवाई होगी।
Hearing in the matter of rebel Karnataka MLAs: Supreme Court orders to maintain status quo, when the matter would be heard again on Tuesday. pic.twitter.com/gY5TrhoAnr
— ANI (@ANI) July 12, 2019
वहीं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में स्पीकर से अपना बहुमत साबित करने का वक्त मांगा है। कुमारस्वामी ने कहा, राज्य में जो कुछ हुआ, उसके बाद वह अपना बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं।
Karnataka CM HD Kumaraswamy in Vidhana Soudha in Bengaluru: After all these developments, I am seeking your permission time to prove the majority in this session. #Karnataka pic.twitter.com/olx8BZ90Xx
— ANI (@ANI) July 12, 2019
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक साथ तीन याचिकाओं पर सुनवाई हुई। पहली याचिका 10 बागी विधायकों की तरफ से थी। दूसरी याचिका कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर और तीसरी याचिका शुक्रवार को ही यूथ कांग्रेस के नेता और वकील अनिल चाको जोसेफ की तरफ से डाली गई। जोसेफ ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कर्नाटक के सियासी संकट के मामले में तत्काल दखल की मांग की थी। उन्होंने कोर्ट से कहा, विधायकों का इस्तीफा एक तरह का दल-बदल ही है।
इस्तीफे को लेकर बागी विधायकों की अर्जी पर सुनवाई करते हुए CJI रंजन गोगोई ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर को फटकार लगाते हुए पूछा- क्या वह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं? बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने सुनवाई के दौरान कहा, कुछ परिस्थितियों को छोड़ दिया जाए तो स्पीकर इस कोर्ट के प्रति जवाबदेह हैं। मुकुल रोहतगी ने अपनी दलील में कहा, स्पीकर फैसला लेने के बजाय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। इस्तीफे को लंबित रखने के पीछे की मंशा विधायकों को पार्टी विप के लिए बाध्य करना है।
Hearing in the matter of Karnataka rebel MLAs: Mukul Rohatgi, rebel MLAs" counsel, submits to the Supreme Court that the Speaker is answerable to this court, except under certain circumstances. He may not respond under certain sections and provisions, he is entitled exemption.
— ANI (@ANI) July 12, 2019
सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर और कांग्रेस का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि, इस्तीफा देने वाले इन विधायकों का इरादा कुछ अलग है और यह अयोग्यता से बचने के लिए है। मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा, स्पीकर की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। स्पीकर इस्तीफों की जांच के बाद ही इस पर फैसला लेंगे। सिंघवी ने आर्टिकल 190 का हवाला देते हुए कहा, स्पीकर जब तक संतुष्ट नहीं होंगे कि इस्तीफे मर्जी से दिए गए हैं, किसी तरह का दबाव नहीं है, तब तक वह फैसला नहीं ले सकते।
Hearing in the matter of Karnataka rebel MLAs: Congress leader and senior advocate Abhishek Manu Singhvi argues that these MLAs" intention in giving resignation is something different, and it is to avoid disqualification. https://t.co/R2MUdzt78u
— ANI (@ANI) July 12, 2019
सिंघवी की तरफ से अदालत को बताया गया, सभी बागी विधायकों ने वीडियो में ये स्वीकार किया है कि उन्होंने स्पीकर को मिलकर इस्तीफा नहीं सौंपा है। सिंघवी की तरफ से अदालत को स्पीकर रमेश कुमार का हलफनामा और विधायकों का वीडियो दे दिया गया है। विधायकों ने ये भी स्वीकार किया कि जब स्पीकर अपने दफ्तर से जा चुके थे, तब वो लोग इस्तीफे के बाद बात करने पहुंचे थे।
वहीं, कर्नाटक सीएम की तरफ से पक्ष रखते हुए वकील डॉ. राजीव धवन ने बागी विधायकों के उस आरोप पर सवाल उठाया कि स्पीकर ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया है। CM कुमारस्वामी का पक्ष रखते हुए वकील ने उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया।
Hearing in the matter of Karnataka rebel MLAs: Dr Rajeev Dhavan, arguing for Karnataka CM, objects to the submissions of the rebel MLAs that the speaker has acted in a mala-fide manner.
— ANI (@ANI) July 12, 2019
गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की उस याचिका में सुनवाई की जिसमें उन्होंने स्पीकर पर इस्तीफा ना स्वीकार करने का आरोप लगाया है। कर्नाटक विधानसभा का सत्र भी आज से शुरू हो गया है। विधानसभा का मॉनसून सत्र 12 जुलाई से 26 जुलाई तक चलेगा। इसी बीच कांग्रेस-जेडीएस की तरफ से अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर दिया गया है। वित्त विधेयक और अन्य मामलों को पारित करने के लिए सत्र में भाग लेने के लिए पार्टी विधायकों को व्हिप जारी किया गया। अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया जाएगा। कांग्रेस और जेडीएस के बाद बीजेपी ने भी अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है। विधानसभा सत्र के दौरान सभी विधायकों से उपस्थित रहने को कहा गया है।
विधानसभा के स्पीकर रमेश कुमार ने आज तीन और विधायकों को मिलने का समय दिया है। इनमें आनंद सिंह, प्रताप पाटिल और नारायण गौड़ा शामिल हैं। स्पीकर ने बताया, पांच में से तीन विधायक जिनके इस्तीफे तय फॉर्मेट में पाए गए, उन्हें आज शाम 4 बजे मिलने का समय दिया गया है। बता दें कि, अभी तक कुल 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। गुरुवार को कुल 10 विधायकों ने स्पीकर से मुलाकात की थी।
Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar has given appointment for 4:00 PM today to three of the five MLAs whose resignations were in the prescribed format. (file pic) pic.twitter.com/ABAcvUIhvO
— ANI (@ANI) July 12, 2019
दरअसल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के इस्तीफे के मुद्दे पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सभी बागी विधायकों को शाम 6 बजे स्पीकर के सामने पेश होने को कहा था। SC ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर को भी इस मामले में गुरुवार को ही फैसला लेने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार के सामने पेश हुए। स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा बागी विधायकों के इस्तीफों की जांच की गई। रमेश कुमार बताया, जिन विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप में नहीं थे, वे अब सही प्रारूप में प्राप्त हो गए हैं। वह परखेंगे कि, ये इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं और प्रामाणिक हैं। इसके बाद फैसला लिया जाएगा।
Mumbai: Karnataka rebel MLAs returned to Renaissance - Mumbai Convention Centre Hotel late last night. They had met Karnataka Assembly Speaker KR Ramesh Kumar in Bengaluru y"day after they were directed by Supreme Court to meet the Speaker at 6 pm resubmit their resignations. pic.twitter.com/Skdf2ehiIJ
— ANI (@ANI) July 12, 2019
वहीं बेंगलुरु में स्पीकर से मुलाकात के बाद बागी विधायक गुरुवार शाम को मुंबई लौट गए। सुप्रीम कोर्ट आज फिर मामले की सुनवाई करेगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, अस्थिरता के प्रयासों के बावजूद राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन मजबूत हो रहा है। हम विधायी सत्रों के सुचारू और फलदायी अगुवाई के लिए आश्वस्त और तैयार हैं।
Karnataka CM HD Kumaraswamy: Congress-JDS coalition in the state is going strong despite the efforts to destabilize. We are confident and prepared for a smooth and fruitful conduct of legislative sessions. (1/2) (File pic) pic.twitter.com/pOSxhNWQ8B
— ANI (@ANI) July 11, 2019