लॉकडाउन: कर्नाटक के आबकारी विभाग का खजाना खाली, सैलेरी देने के लिए भी पैसे नहीं
लॉकडाउन: कर्नाटक के आबकारी विभाग का खजाना खाली, सैलेरी देने के लिए भी पैसे नहीं
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। देश में फैले नोवल कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। इस जानलेवा महामारी को काबू करने में लॉकडाउन सफल रहा है। हालांकि इस कारण राज्य व केंद्र सरकार को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री ने साफ कहा है कि उनके विभाग के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा लॉकडाउन में थोड़ी छूट दें।
आबकारी विभाग को फंड की समस्या
दरअसल लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद हैं। ऐसे में कर्नाटक सरकारी विभागों को अब फंड की समस्या हो गई है। राज्य के आबकारी मंत्री एच नागेश ने सीएम येदियुरप्पा को तीन मई के बाद लॉकडाउन में ढील देने पर विचार करने को कहा है। एच नागेश ने कहा, "सीएम से मेरी बातचीत हुई है, उन्होंने मुझे कहा कि स्थिति देखने के बाद निर्णय लूंगा।"
हर महीने 1,800 करोड़ का नुकसान
नागेश ने कहा कि हमें सैलरी और अन्य खर्चों के भुगतान के लिए फंड की जरूरत है। लॉकडाउन के कारण हमारा खजाना खत्म हो गया है। लॉकडाउन के कारण शराब की बिक्री बंद है, जिस कारण आबकारी विभाग को हर महीने 1,800 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
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देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 29 हजार पार
बता दें देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 29 हजार के पार हो गई है। आज (मंगलवार) सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार 29, 435 लोग वायरस से पीड़ित है। जिसमें 21, 632 लोग पॉजिटीव है और 6868 लोगों को अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं कर्नाटक में अबतक 520 लोग कोरोना वायरस से पीड़ित है, जबकि 20 लोगों की मौत हुई है।