सीबीआई ने और 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया
जेकेपीएसआई पेपर लीक सीबीआई ने और 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया
- 4 जून को परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस उप-निरीक्षक (जेकेपीएसआई) परीक्षा का पेपर लीक होने के सिलसिले में सीआरपीएफ के चार कांस्टेबल, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक एएसआई और दो निजी व्यक्तियों सहित सात और लोगों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान एएसआई जयसूर्या शर्मा, सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल पवन कुमार और कांस्टेबल अमित कुमार शर्मा, अतुल कुमार और सुनील शर्मा और तरसेम लाल और आशीष यादव के रूप में हुई है।
हाल ही में, सीबीआई ने घोटाले के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और देश के अन्य हिस्सों में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था।
सीबीआई ने 3 अगस्त को जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा, तत्कालीन सदस्य, तत्कालीन अवर सचिव, जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेएंडकेएसएसबी) के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी शामिल थे। पूर्व सीआरपीएफ कर्मियों, जम्मू-कश्मीर पुलिस एएसआई, अखनूर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी, निजी व्यक्तियों और अज्ञात अन्य लोगों पर कार्रवाई की। इन पर जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षकों के पदों के लिए जम्मू-केएसएसबी द्वारा मार्च में आयोजित लिखित परीक्षा में अनियमितता का आरोप है।
4 जून को परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे और जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसकी जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था। आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने जेएंडकेएसएसबी, बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य के बीच एक साजिश में प्रवेश किया और लिखित परीक्षा के संचालन में घोर अनियमितताएं कीं।
जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों से चयनित उम्मीदवारों का अंक प्रतिशत असामान्य रूप से उच्च था। जेएंडकेएसएसबी द्वारा बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी को प्रश्नपत्र सेट करने का कार्य सौंपा गया था।
5 अगस्त को जम्मू, श्रीनगर और बेंगलुरु सहित 30 स्थानों पर आरोपियों की तलाशी ली गई।
जांच में खुलासा हुआ है कि इच्छुक उम्मीदवारों और उनके परिवारों द्वारा परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र तक पहुंचने के लिए आरोपी को 20 से 30 लाख रुपये का कथित भुगतान किया गया था। इस संबंध में, हरियाणा में अधिवासित एक गिरोह, जम्मू-कश्मीर के कुछ शिक्षकों, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जम्मू-केएसएसबी के कुछ सेवारत/ सेवानिवृत्त कर्मियों की संलिप्तता कथित रूप से सामने आई थी।
(आईएएनएस)
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