अमित शाह का ऐलान-हरियाणा में बीजेपी की होगी सरकार, JJP को मिला उपमुख्यमंत्री पद
अमित शाह का ऐलान-हरियाणा में बीजेपी की होगी सरकार, JJP को मिला उपमुख्यमंत्री पद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा में सरकार बनने की तस्वीर साफ हो चुकी है। सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने हाथ मिला लिया है। जेजेपी के संस्थापक दुष्यंत चौटाला के साथ बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ऐलान किया कि हरियाणा का मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा और उपमुख्यमंत्री जेजेपी का होगा। दोनों दलों के नेता शनिवार को राज्यपाल से मिलेंगे और सरकार बनाने के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
अमित शाह ने कहा, "हरियाणा के लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हुए, दोनों दलों (भाजपा-जेजेपी) के नेताओं ने फैसला किया है कि हरियाणा में भाजपा-जेजेपी मिलकर सरकार बनाएंगे। सीएम बीजेपी से होंगे और डिप्टी सीएम जेजेपी से होंगे।"
दुष्यंत चौटाला ने कहा, "हरियाणा को एक स्थिर सरकार देने के लिए भाजपा और जेजेपी को एक साथ आना महत्वपूर्ण था। मैं अमित शाह जी और नड्डा जी को धन्यवाद देना चाहता हूं। हमारी पार्टी ने तय किया था कि राज्य की बेहतरी के लिए एक स्थिर सरकार का होना जरूरी है।"
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की 90 सीटों में से बीजेपी ने 40 सीटों पर कब्जा किया है। कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 9 सीटें मिली है। बहुमत का आंकड़ा 46 सीटों का है।
BJP-JJP alliance for Haryana sealed. CM will be from Bharatiya Janata Party (BJP) and Deputy CM from Jannayak Janta Party (JJP). Leaders of both the parties will meet the Governor tomorrow and stake their claim to form the govt in the state. #HaryanaAssemblyPolls pic.twitter.com/euvuQVtwJB
— ANI (@ANI) October 25, 2019
#WATCH Delhi: BJP-JJP address the media at BJP President-HM Amit Shah"s residence. #HaryanaAssemblyPolls. https://t.co/c6huK8CGKL
— ANI (@ANI) October 25, 2019
सबसे पहले दुष्यंत चौटाला अनुराग ठाकुर के आवास पर पहुंचे, फिर वहां से वह गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर गए। जेजेपी-भाजपा नेताओं के बीच चर्चा के बाद गठबंधन की घोषणा कर दी गई।
दरअसल, गोपाल कांडा एंड कंपनी से समर्थन लेने की खबरों पर काफी आलोचना के बाद भाजपा ने जेजेपी की तरफ रुख किया। जेजेपी को भी लग रहा था कि कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावनाएं काफी कमजोर हैं।
कुछ पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि जेजेपी की भाजपा के साथ गठबंधन के पीछे यह भी वजह है कि दुष्यंत को लगता है कि आगे चलकर उनके 10 में से कुछ विधायक टूट भी सकते हैं। ऐसे में वह भाजपा से दोस्ती कर सत्ता में रहना ज्यादा फायदेमंद मानते हैं। सत्ता में रहने पर वह अपनी नई पार्टी का कहीं ज्यादा मजबूती से विस्तार कर सकते हैं।
इससे पहले जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था, "हमारे कुछ विधायक कांग्रेस और कुछ बीजेपी के साथ सरकार बनाने के पक्ष में है। जल्द ही समर्थन को लेकर इस पर फैसला लिया जाएगा।"
चौटाला ने कहा "जो भी पार्टी हमारे साझा न्यूनतम कार्यक्रम के साथ सहमत होगी उसी के साथ हम प्रदेश में सरकार बनाएंगे।" जेजेपी के साझा न्यूनतम कार्यक्रम में हरियाणवियों के लिए 75% नौकरियों में आरक्षण और चौधरी देवीलाल के वृद्धावस्था पेंशन का आईडिया प्रमुख है। चौटाला को विधायक दल का नेता भी चुना गया है।"
चौटाला ने कहा, "अब तक हमने इस मुद्दे पर किसी से बात नहीं की है क्योंकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी एजेंडे पर स्पष्ट नहीं थी। अब हम अधिकृत हो गए हैं, हम संबंधित लोगों से बात करेंगे। कुछ ही घंटों में या कुछ दिनों में हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।"