आबादी कम करने के लिए चीन ने जो हथकंडे अपनाए, अब वही पड़ रहे हैं भारी, आबादी के मामले में चीन से इतना आगे भारत, यही हाल रहा तो चीन बनेगा 'बूढ़ा देश'!
भारत ने चीन को छोड़ा पीछे आबादी कम करने के लिए चीन ने जो हथकंडे अपनाए, अब वही पड़ रहे हैं भारी, आबादी के मामले में चीन से इतना आगे भारत, यही हाल रहा तो चीन बनेगा 'बूढ़ा देश'!
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। दुनिया में दिन ब दिन आबादी बढ़ती जा रही है। हाल ही में विश्व ने 8 बिलियन का आंकड़ा पार किया था। जिसकी काफी चर्चाएं हुई थीं और जनसंख्या को नियंत्रण करने को लेकर खूब विचार विमर्श हुए। वैसे तो चीन को दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश माना जाता है। लेकिन अब उसके सिर से ये ताज भारत ने छीन लिया है। जी हां, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष यानी यूएनएफपीए ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है कि, जनसंख्या के मामले में भारत चीन को पछाड़ कर दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है।
दरअसल, इस साल की शुरूआत में ही ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने ऐसा अंदेशा जताया था कि, इस वर्ष भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। जो फिलहाल सच साबित होता हुआ दिखाई दे रहा है। यूएनएफपीए की रिपोर्ट में बताया गया है कि, भारत की जनसंख्या वर्तमान समय में चीन से करीब 3 मिलियन अधिक है। जिसका कारण चीन में बच्चे पैदा होने की दर में कमी होना है। वहीं अब भारत ने आबादी के मामले में चाइना से अच्छा खास लीड ले लिया है।
चीन से करीब 3 मिलियन अधिक भारत की आबादी
यूएनएफपीए द्वारा जारी "द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023" जिसे 8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज, द केस फॉर राइट्स एंड चॉइस के टाइटल के नाम से जारी किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, वर्तमान समय में भारत की आबादी चीन से 2.9 मिलियन अधिक हो गई है। जहां चीन की जनसंख्या 1,425.7 मिलियन है। वहीं भारत की 1,428.6 मिलियन है। इस लिहाज से भारत की आबादी चीन से करीब-करीब 3 मिलियन अधिक है।
भारत की इन चार सालों में तेजी से बढ़ी आबादी
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष डेटा के मुताबिक, यह पहली बार है जब भारत की आबादी चीन से अधिक दर्ज की गई है। जानकारी के लिए बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष यानी यूएनएफपीए की साल 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध के खत्म होने के बाद स्थापना हुई थी। लेकिन अधिकारिक तौर पर जनसंख्या गणना करने वाली इस संस्था ने साल 1950 से आंकड़े जारी करना शुरू कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा दुनिया की आबादी को लेकर जब भी आंकड़े जारी किए हैं सब में चीन अव्वल नंबर पर रहा है लेकिन करीब चार सालों में भारत की आबादी काफी तेज गति से बढ़ी है। जो इस प्रकार है-
साल |
जनसंख्या |
फीसदी (साल दर साल) |
2023 |
1,428,627,663 |
0.81% |
2022 |
1,417,173,173 |
0.68% |
2021 |
1,407,563,842 |
0.8%
|
2020 |
1,396,387,127 |
0.96% |
- यूएनएफपीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे जवान देश है। जिसकी अधिकांश आबादी युवा वर्ग की श्रेणी में हैं
आयु वर्ग |
फीसदी |
0-14 |
25% |
10-19 |
18% |
10-24 |
26% |
15-64 |
68% |
65 से ऊपर |
7% |
- भारत से ठीक उलट चीन की आबादी बुढ़ापे की ओर जा रही है। यूएनएफपीए की रिपोर्ट के मुताबिक, 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग लगभग 20 करोड़ हो गए हैं।
आयु वर्ग |
फीसदी |
0-14 |
17% |
10-19 |
12% |
10-24 |
18% |
15-64 |
69% |
65 से ऊपर |
14% |
आबादी बढ़ाने के चीन नए तरकीब
दरअसल, चीन का बूढ़ा होने की वजह देश में वन चाइलड पॉलिसी को माना जाता है। जिसकी वजह से वो धीरे-धीरे बुढ़ापे की ओर चला गया। हालांकि, अब स्थिति को भांपते हुए सरकार, लोगों को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दे रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने आबादी बढ़ाने के लिए अपने यहां के स्कूल, कॉलेजों में कुछ ऐसी घोषणा कर दी हैं जिससे वो सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल, चीन के शिक्षण संस्थानों में यह घोषणा की गई है कि, युवा लड़के-लड़कियां कम से कम 15 दिन के "स्प्रिंग ब्रेक" पर जाएं ताकि प्यार में पड़ सकें और घर बसाकर बच्चे पैदा कर सकें। चीन अपनी आबादी को बढ़ाने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहा है ताकि देश को बूढ़ा होने से बचाया जा सके।