इस बार सामान्य रहेगा मॉनसून, 97 फीसदी बारिश की संभावना
इस बार सामान्य रहेगा मॉनसून, 97 फीसदी बारिश की संभावना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस बार मॉनसून कैसा रहेगा इसे लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपना अनुमान जारी कर दिया है। सोमवार को जारी मौसम विभाग के पूर्वानूमान में कहा गया है कि इस साल 97 फीसदी बारिश होने की संभावना है। कृषि क्षेत्र और देश की अर्थव्यवस्था के लिए ये एक अच्छी खबर है। मौसम विभाग ने मई के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह में मॉनसून के केरल पहुंचने की संभावना जताई है।
कम मॉनसून की बहुत कम संभावना
भारतीय मौसम विभाग के डीजी केजी रमेश ने कहा, "मॉनसून का लंबी अवधि (एलपीए) का औसत 97 प्रतिशत रहेगा जो कि इस मौसम के लिए सामान्य है। कम मॉनसून की "बहुत कम संभावना" है। मौसम विभाग ने भारी बारिश की 5 प्रतिशत संभावना जताई है वहीं सामान्य से ज्यादा बारिश की 20 प्रतिशत संभावना जताई गई है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि लंबी अवधि का औसद (एलपीए) के 96-104 फीसदी बारिश को सामान्य मॉनसून कहा जाता है। सामान्य से अधिक मॉनसून में बारिश में एलपीए के 104-110 फीसदी होती है। एलपीए के 110 फीसदी से अधिक होने पर इसे "अत्यधिक" कहा जाता है।
अल-नीनो का खतरा कम
मौसम विभाग ने ये भी कहा कि अल-नीनो का खतरा कम हो गया है और मानसून से पहले अल-नीनो की स्थिति न्यूट्रल हो गई है। बता दें कि समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ज्यादा रहने पर अल-नीनो कहलाता है और समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम रहने पर ला-नीना कहलाता है। अल-नीनो मॉनसून पर उल्टा असर डालता है। वहीं ला-नीना से ज्यादा बारिश होती है।
स्काईमेट का 100 फीसदी मॉनसून का अनुमान
इससे पहले 4 अप्रैल को मौसम का पुर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने कहा था कि 2018 में मॉनसून 100 फीसदी सामान्य रहने की संभावना है। स्काईमेट के मुताबिक अभी तक संकेत अच्छी बारिश की संभावना दिखा रहे हैं। चीन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की मौसम एजेंसियों ने भी सामान्य मॉनसून के संकेत दिए हैं। हालांकि स्काईमेट का अनुमान 2015 में गलत साबित हो चुका है।
स्माईमेट के मुताबिक सेंट्रल इंडिया के मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक, इंदौर, जबलपुर, रायपुर और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश की उम्मीद है। सेंट्रल इंडिया के अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट और सूरत जैसे शहरों में सामान्य बारिश की उम्मीद है। शुरू के महीनों में साउथ इंडिया के चेन्नई, बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम, कोन्नूर, कोझिकोड, मंगलुरु, हैदराबाद, कर्नाटक के कोस्टल इलाकों, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम में इस बार मानसून सामान्य या सामान्य से कुछ कम रह सकता है।
पिछले साल भी सामान्य रहा था मॉनसून
बता दें कि साल 2017 और 2016 में भी मॉनसून सामान्य रहा था, लेकिन 2014 और 2015 में मॉनसून कम होने की वजह से देश को सूखे की मार झेलनी पड़ी थी। सामान्य बारिश होने से अच्छी खेती होगी और अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा और सकारात्मक असर दिखाई देगा।