गुजरात उच्च न्यायालय ने पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को अंतरिम जमानत दी
2002 गोधरा दंगा गुजरात उच्च न्यायालय ने पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को अंतरिम जमानत दी
- तीस्ता सीतलवाड़ से मतभेद
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार को उम्र के आधार पर 15 नवंबर तक अंतरिम जमानत दे दी। उनके वकील योगेश रवानी ने कहा कि, श्रीकुमार के पास सत्र अदालत के समक्ष नियमित जमानत याचिका दायर करने का विकल्प होगा।
25 जून को, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार को अहमदाबाद अपराध शाखा ने 2002 के गोधरा दंगों के मामलों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रमुख हस्तियों को फंसाने के लिए सबूत बनाने और झूठे बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
20 सितंबर को दायर आरोप पत्र में अपराध शाखा ने दोनों पर धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी, धोखाधड़ी या बेईमानी से वास्तविक दस्तावेजों का उपयोग करने, पूंजी अपराध की सजा हासिल करने के इरादे से झूठे सबूत देने, किसी व्यक्ति पर अपराध करने का झूठा आरोप लगाने और जनता के खिलाफ गलत रिकॉर्ड बनाने का आरोप लगाया श्रीकुमार पर आरोप है कि वह उन गवाहों को धमका रहे थे जिनका तीस्ता सीतलवाड़ से मतभेद हो गया था।
आईएएनएस
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