पुलवामा अटैक पर 25 देशों के साथ मीटिंग, अलग-थलग पड़ेगा पाक
पुलवामा अटैक पर 25 देशों के साथ मीटिंग, अलग-थलग पड़ेगा पाक
- जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है।
- दुनिया के कई बड़े देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया है।
- भारतीय विदेश मंत्रालय के दफ्तर में फॉरेन सेक्रेटरी ने 25 देशों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है। दुनिया के कई बड़े देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया है। इस बीच शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के दफ्तर में फॉरेन सेक्रेटरी विजय गोखले ने 25 देशों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें P5 राष्ट्र भी शामिल हुए। बैठक में इन प्रतिनिधियों को पुलवामा हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन की भूमिका के बारे में बताया गया। सभी देशों ने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया है और इस घड़ी में साथ खड़े रहने की बात कही है।
जिन 25 देशों के प्रतिनिधियों से भारत ने बातचीत की, उनमें जर्मनी, हंगरी, इटली, यूरोपियन यूनियन, कनाडा, ब्रिटेन, रशिया, इजराइल, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, साउथ कोरिया, स्वीडन, स्लोवाकिया, फ्रांस, स्पेन, भुटान, बांग्लादेश, श्री लंका, अफगानिस्तान और नेपाल जैसे देश मीटिंग में शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि मीटिंग में सभी मिशन हेड इस बात पर एकमत नजर आए कि पाकिस्तान स्थित और समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की इस हमले में मुख्य भूमिका रही है। भारत में चीनी राजदूत लुओ झाओहुई से फॉरेन सेक्रेटरी ने मीटिंग के बाद अलग से भी बात की। पाकिस्तान और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को लेकर ये बातचीत की गई।
बैठक में शामिल देशों ने भारत की उस मांग को भी सही ठहराया, जिसमें भारत ने पाकिस्तान से उनके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में सक्रिय आतंकवादी समूहों का समर्थन और वित्तपोषण बंद करने के लिए कहा है। फॉरेन सेक्रेटरी ने मीटिंग में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे पाकिस्तान आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के इंस्ट्रूमेंट की तरह इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स (MEA) पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए लगातार कदम उठाता रहेगा। MEA पाकिस्तान से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके लीडर मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी दबाव बनाएगा।
इससे पहले अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया और फ्रांस जैसे देश भी इस हमले की कड़ी निंदा कर चुके हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि "हम इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हैं।" उन्होंने कहा, ""मैं भारतीय साझेदारों के साथ आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा दोहराता हूं।" व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, "यह हमला आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत के सहयोग एवं साझेदारी को और बढ़ाने के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाता है।"