मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश, घर-गाड़ी खरीदने पर छूट
मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश, घर-गाड़ी खरीदने पर छूट
- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया मोदी 2.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (5 जुलाई) मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट लोकसभा में पेश किया। बतौर वित्त मंत्री सीतारमण का यह पहला बजट है। लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, देश की जनता ने बड़ा जनादेश दिया है। हमारी सरकार ने स्थिर भारत की कल्पना को साकार किया। हमने सशक्त देश के लिए सशक्त नागरिक के उद्देश्य से पहले कार्यकाल में काम किया। हम लालफीताशाही को और कम करेंगे। कारोबारी माहौल को बेहतर करेंगे। उन्होंने कहा, मोदी सरकार का लक्ष्य, मजबूत देश और मजबूत नागरिक बनाना है और सरकार की सारी नीतियां इसी ओर काम कर रही हैं।
Finance Minister Nirmala Sitharaman at Lok Sabha: The first term of PM Narendra Modi led NDA govt stood out as a performing govt. Between 2014-2019 he provided a rejuvenated centre-state dynamics, cooperative federalism, GST council and strident commitment to fiscal discipline. pic.twitter.com/qjEbJkw9D1
— ANI (@ANI) July 5, 2019
संसद में निर्मला सीतारमण ने शेर सुनाया, यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। वित्तमंत्री ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी की पहली सरकार परफॉर्मिंग गवर्नमेंट रही है। 2014 से 2019 के दौरान हमने केंद्र एवं राज्य के संबंधों को नई ऊंचाइंया दीं। पिछले 5 सालों में हमने दिवालिया कानून जैसे सुधार देखे हैं। इसके अलावा आम लोगों की चिंता के लिए भी योजनाएं चलाई गईं। गरीब महिलाओं की रसोई में सिलेंडर पहुंचाए गए।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: I propose to consider issuing Aadhaar Card for Non Resident Indians (NRIs) with Indian passports after their arrival in India without waiting for the mandatory 180 days. #Budget2019 pic.twitter.com/SJWlkIklOx
— ANI (@ANI) July 5, 2019
जानिए केंद्र सरकार के व्यय, 2019-20 के लिए बजट का अनुमान #BudgetForNewIndia #Budget2019 pic.twitter.com/1WYcvPvb4l
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 5, 2019
संसद में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा-
- भौतिक और सामाजिक अवसरंचना निर्माण, डिजिटल इंडिया, हरित भारत, चिकित्सा उपकरणों पर जोर, मेक इन इंडिया पर हमारा फोकस होगा। अंतरिक्ष कार्यक्रम, ब्लू इकॉनमी, जल प्रबंधन, स्वस्थ समाज और नागरिकों को सुरक्षा जैसे मसले भी हमारे फोकस में होंगे।
- भारत आज रोजगार देने वाला देश बना है। हमारा जोर अब इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर है। भारतमाला के जरिए हम देश में सड़क हर गांव तक पहुंचा रहे हैं और नेशनल हाइवे का निर्माण कर रहे हैं।
- हमारी सरकार ने कई नई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया है। पिछले 5 साल में हमने देश की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने का काम किया है। स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएं और बच्चे और नागरिकों की सुरक्षा को अहम स्थान दिया गया।
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पांच साल पहले भारत दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी इकॉनमी थी, लेकिन अब भारत पांचवें नंबर पर है। हमारी अर्थव्यवस्था अनुमानत: 1.85 ट्रिलियन डॉलर थी, पिछले 5 वर्षों के दौरान 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंची। कोऑपरेटिव फेडरलिज्म में विश्वास बढ़ा है। जीएसटी के जरिए आर्थिक अनुशासन की दिशा में काम बढ़ा।
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300 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन को मंजूरी दी गई है और इलेक्ट्रिक वाहनों में विशेष छूट भी दी गई है। सागरमाला परियोजना से नए बंदरगाहों का विकास हुआ है। नए औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य। छोटे और मझोले उद्योगों में रोजगार बढ़ाने का जोर।
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वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग 2020 तक पूरा हो जाएगा। नेशनल हाइवे ग्रिड सरकार की पहली प्राथमिकता में है। एक देश एक ग्रिड के जरिए सभी राज्यों को सस्ती बिजली पहुंचाएंगे। इससे हर राज्य को सही दाम पर हर वक्त बिजली मिल सकेगी।
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हमारा लक्ष्य मजबूत नागरिक, मजबूत देश का है। हम 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा कर सकते हैं। देश न्यू इंडिया की ओर बढ़ रहा है, सरकार का जोर रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर लक्ष्य के पूरा करेंगे।
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उज्जवला योजना की वजह से देश की महिलाओं को धुएं से छुटकारा मिला है। हमने महिलाओं के सम्मान के लिए शौचालय बनवाए हैं। रोजगार के लिए हमें उद्योगो में निवेश चाहिए, हमने देशी-विदेशी निवेश का चक्र शुरू किया है।
- देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। मुद्रा योजना से लोगों की जिंदगी बदल गई है। हमने केंद्र राज्य गतिशीलता, सहकारी संघवाद, जीएसटी परिषद, राजकोषीय अनुशासन को प्रतिबद्धता प्रदान की है।
- चार साल में गंगा के सहारे जलमार्ग से मालढुलाई 4 गुना बढ़ जाएगी। मेट्रो, टोल हर जगह एक ही कार्ड से पेमेंट होगा।
- बुनियादी सुविधाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने की जरूरत, उड़ान योजना से छोटे शहर वायुमार्ग से जुड़े।
- हमने अपनी योजनाओं को अमली जामा पहनाया, सरकार का प्रदूषण मुक्त देश बनाने का लक्ष्य है। जल, जल प्रबंधन और साफ नदियों पर जोर।
- छोटे और मझोले उद्योगों के लिए 59 मिनट में लोन को मंजूरी दी जाएगी।
- पानी और गैस के लिए भी एक राष्ट्रीय ग्रिड बनेगा।
- रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। तेजी से रेलवे में सुधार और यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत काम होगा।
- तेजी से रेलवे में सुधार और यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए PPP के तहत काम होगा। रेलवे में निजी भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
- भारत को मोस्ट फेवरेट FDI देश बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बीमा में 100 फीसदी विदेशी निवेश होगा। सिंगल ब्रांड रिटेल में FDI की सीमा बढ़ेगी।
- आदर्श किराया कानून बनाया जाएगा। MSME के लिए ऑनलाइन पोर्टल। हर साल 20 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत। सबको घर देने की योजना पर काम जारी।
- तीन लाख खुदरा दुकानदारों को पेंशन देने की व्यवस्था की जाएगी। बैंक खाते और आधार के जरिए पेंशन मिलेगी।
- मेक इन इंडिया के जरिए हम स्वदेशी की तरफ बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार देश को आधुनिक भी बना रही है। जिसमें 657 किलोमीटर मेट्रो को चालू किया गया है, जबकि 300 किमी. नए मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है।
- हमारा अगला मकसद देश के अंदर ही जल मार्ग शुरू करने का है। हमारा लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ाना देना है। आज लाइसेंस और कोटा राज के दिन लद गए हैं।
- एविएशन सेक्टर, मीडिया, एनिमेशन और इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई को लेकर विचार किया जाएगा।
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पीएम आवास योजना के तहत देश के हर परिवार को घर मुहैया कराने का लक्ष्य है।
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हर साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन होगा। दुनिया भर से लोगों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
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अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाएंगे, दाल उत्पादन में देश आत्मनिर्भर बनेगा। दलहन में किसानों ने अच्छा काम किया है।
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5 सालों में 1.25 लाख किलोमीटर सड़क बनाएंगे। हर रोज 135 किमी सड़क बना रहे हैं। गांवों को बाजार से जोड़ने वाली सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए पीएम ग्राम सड़क योजना का तीसरा फेज शुरू होगा।
- 2022 तक गरीबों के लिए 1.95 घर बनेंगे, गांवों में हर घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाएंगे। लगभग सभी गांवों तक गैस कनेक्शन पहुंचेगा।
- हम सिर्फ 114 दिनों में घर बनाएंगे, पहले 314 दिनों में बनते थे।
- इलेक्ट्रिक कार चलाने वालों को छूट दी जाएगी। गांव, ग़रीब और किसान हमारी योजनाओं के केंद्र बिंदु हैं।
- अंतरिक्ष में भारत की ताकत बढ़ी है, विदेशी सेटेलाइट भेजकर हम पैसा कमाएंगे। अंतरिक्ष विज्ञान पर हम ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
- देश को हर साल 20 लाख करोड़ की जरूरत। 1.5 करोड़ से कम कारोबार वाले 3 करोड़ छोटे कारोबारियों को पेंशन का लाभ।
- स्वच्छता अभियान के तहत अब हर गांव में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था होगी। 2 अक्टूबर, 2014 से अब तक 9.6 करोड़ टॉयलट बने।
- हम नई शिक्षा नीति लाएंगे। शिक्षा नीति पर अनुसंधान केंद्र भी बनाया जाएगा। राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान बनाने का ऐलान किया गया। उच्च शिक्षा के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दुनिया के टॉप 200 कॉलेज में भारत के सिर्फ 3 कॉलेज हैं, ऐसे में सरकार इन संख्या को बढ़ाने पर जोर देगी।
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स्टैंडअप इंडिया स्कीम के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को लाभ मिलेगा।
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2 अक्टूबर को राजघाट पर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन होगा।
- असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को 3,000 रुपये की पेंशन 60 वर्ष के बाद दी जाएगी। अब तक स्कीम से 30 लाख लोग जुड़े।
- 256 जिलों में जल प्रबंधन की स्थिति दयनीय। 2024 तक इनमें सुधार के लिए काम होगा।
- महिलाओं के लिए "नारी तू नारायणी" का नारा। स्वामी विवेकानंद ने कहा था, महिलाओं के विकास के बिना किसी भी देश का विकास नहीं हो सकता।
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खेलो इंडिया स्कीम के तहत नेशनल स्पोर्ट्स एजुकेशन बोर्ड की शुरुआत होगी। खिलाड़ियों के लिए विकास के लिए बड़ा अभियान।
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सरकार 17 पर्यटन स्थलों को विश्व स्तरीय स्थलों के तौर पर विकसित कर रही है।
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भारत की जल सुरक्षा और नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता। 2024 तक इस पर करेंगे काम।
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विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अब NRI को भारत आते ही आधार कार्ड देने की सुविधा मिलेगी। उन्हें 180 दिनों तक भारत में रहने की जरूरत नहीं है। जहां भारतीय दूतावास नहीं हैं वहां दूतावास खोले जाएंगे।
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देश में क्रेडिट ग्रोथ 13 फीसदी से ऊपर तक गई है। क्रेडिट को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएंगे। सुधारों के जरिए ही बैंकों का NPA घटा है। हम बैंकिंग को हर दरवाजे तक पहुचाएंगे।
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बीते 4 सालों में 4 लाख करोड़ रुपये के एनपीए की रिकवरी की गई है। बीते एक साल में एनपीए घटकर 1 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
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बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार अगले 5 साल में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
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महात्मा गांधी के मूल्यों से युवाओं को अवगत कराने के लिए "गांधीपीडिया" तैयार होगा।
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प्रत्यक्ष कर से मिलने वाले राजस्व में बड़ा इजाफा हुआ है। डायरेक्ट टैक्स वसूली में 78 पर्सेंट का इजाफा हुआ है। डायरेक्ट टैक्स वसूली बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये हुई।
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महिला स्वयं सहायता समूह योजना को देश के हर जिले में शुरू किया जाएगा।
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सरकार ने 2019-20 में 1 लाख 5 हजार करोड़ रुपये विनिवेश से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा।
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कॉर्पोरेट टैक्स का दायरा बढ़ाया गया। 400 करोड़ रुपये से कम के टर्नओवर वाली कंपनियों को छूट मिलेगी। 400 करोड़ रुपये के रिटर्न पर कंपनियों पर लगेगा 25 फीसदी का कॉर्पोरेट टैक्स। अब कॉर्पोरेट टैक्स के दायरे में महज 0.7 पर्सेंट कंपनियां।
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इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर टैक्स 12 पर्सेंट से घटकर 5 फीसदी होगा। ब्याज पर भी राहत मिलेगी।
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दृष्टिहीन लोगों के लिए 1, 2, 5 और 10 रुपये के विशेष सिक्क तैयार किए जाएंगे।
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आधार कार्ड से इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं। पैन कार्ड की जानकारी देना जरूरी नहीं।
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सस्ते घरों के लिए ब्याज पर 3.5 लाख रुपये की छूट मिलेगी।
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5 करोड़ रुपये सालाना से अधिक आय वाले लोगों पर लगेगा 7 पर्सेंट अतिरिक्त सरचार्ज। 2 से 5 करोड़ पर है 3 पर्सेंट सरचार्ज। 5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों को कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं। स्लैब में बदलाव नहीं, निवेश पर बढ़ी छूट।
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कैश में बिजनेस पेमेंट को हतोत्साहित करने के लिए टीडीएस लगेगा। बैंक से एक करोड़ रुपये की निकासी पर देना होगा 2 फीसदी टैक्स।
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इस साल बजटीय घाटा 3.4 फीसदी से घटकर 3.3 पर्सेंट पर आया।
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पेट्रोल और डीजल पर 1-1 रुपये का अतिरिक्त सेस। इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा प्रोत्साहन।
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सोने और बहुमूल्य धातुओं पर उत्पाद शुल्क 10 से बढ़कर होगा 12.5 प्रतिशत।
Rashtrapati Bhavan: As per tradition, Finance Minister Nirmala Sitharaman calls on President Ramnath Kovind before presenting the Union Budget pic.twitter.com/5vOMn9qj2H
— ANI (@ANI) July 5, 2019
निर्मला सीतारमण शुक्रवार सुबह सबसे पहले वित्त मंत्रालय पहुंचीं। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की फिर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेने के लिए संसद भवन पहुंचीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद भवन में कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। मोदी कैबिनेट की बैठक में बजट को मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट पेश किया।
Finance Minister Nirmala Sitharaman, MoS Finance Anurag Thakur, Finance Secretary S C Garg, Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian and other officials outside Finance Ministry. #Budget2019 to be presented at 11 am in Lok Sabha today pic.twitter.com/oCyrMSNg7N
— ANI (@ANI) July 5, 2019
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के माता-पिता भी बजट सत्र देखने संसद पहुंचे। सीतारमण ने पहली बार बजट पेश किया।
#WATCH Delhi: Parents of Finance Minister Nirmala Sitharaman - Savitri and Narayanan Sitharaman - arrive at the Parliament. She will present her maiden Budget at 11 AM in Lok Sabha. #Budget2019 pic.twitter.com/Wp3INz7ifN
— ANI (@ANI) July 5, 2019
इस बार वित्त मंत्री राष्ट्रपति भवन से ब्रीफकेस की जगह एक लाल रंग पोटली में बजटीय दस्तावेज लेकर निकलीं हैं। इस पोटली के ऊपर अशोक स्तंभ का चिंन्ह बना हुआ है। इस पोटली को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा, ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में बजट दस्तावेज रखे हैं, यह भारतीय परंपरा है। यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से हमारे आगे बढ़ने का प्रतीक है। यह एक बजट नहीं है, बल्कि यह एक बहीखाता है।
Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian on FM Nirmala Sitharaman keeping budget documents in four fold red cloth instead of a briefcase: It is in Indian tradition. It symbolizes our departure from slavery of Western thought. It is not a budget but a "bahi khata"(ledger) pic.twitter.com/ZhXdmnfbvl
— ANI (@ANI) July 5, 2019
वित्तमंत्री ने बजट से पहले गुरुवार को इकोनॉमिक सर्वे पेश किया था। सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था का ब्लूप्रिंट पेश किया गया। देश के 5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए वार्षिक विकास दर हर साल 8 प्रतिशत होने का जिक्र है। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा, पिछले 5 साल में हमने बहुत से माइक्रो और मेक्रो लेवल के आर्थिक उपक्रम स्थापित किए हैं और अब हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बदलाव के लिए तैयार है। इसकी मदद से आर्थिक वृद्धि, रोजगार और निर्यात को अगले स्तर पर पहुंचाया जा सकेगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए सर्वे में आर्थिक विकास दर का लक्ष्य 7 प्रतिशत रखा गया, जो 5 साल में सबसे कम रही पिछले साल की विकास दर (6.8 प्रतिशत) से ज्यादा है।