नहीं... ये तस्वीरें चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की नहीं है
नहीं... ये तस्वीरें चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की नहीं है
- दूसरी तस्वीर नासा के अपोलो 15 मून लैंडिंग साइट की है
- यूके के एक फ्रीलांस स्पेस जर्नलिस्ट ने कहा
- ये तस्वीर क्यूरियोसिटी रोवर की है
- सोशल मीडिया पर विक्रम लैंडर की फर्जी तस्वीरे शेयर की जा रही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की थर्मल इमेज लेने के बाद इसरो ने रविवार को इसकी जानकारी दी थी। हालांकि इसरो ने अभी तक इसकी इमेज शेयर नहीं की है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर कुछ इमेज सर्कुलेट की जा रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ये इमेज विक्रम लैंडर की है। लेकिन हम आपको बता दें कि ये इमेज विक्रम लैंडर की नहीं बल्कि मार्स क्यूरियोसिटी रोवर और अपोलो-15 की है।
यूके के एक फ्रीलांस स्पेस जर्नलिस्ट जोनाथन ओ"कालाघन ने कहा, "मैं देख रहा हूं कि इस इमेज को बहुत ज्यादा शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह इमेज विक्रम लैंडर की है। लेकिन, ऐसा नहीं है, यह मंगल ग्रह पर नासा का क्यूरियोसिटी रोवर है। वास्तव में, इस इमेज को 31 मई, 2019 को अंतरिक्ष से लिया गया था। ओर्बिटर पर लगे HiRISE कैमरे से ये तस्वीर ली गई है। दूसरी तस्वीर नासा के अपोलो 15 मून लैंडिंग साइट की है।
So much misinformation being shared about the #VikramLander at the moment. For one, this image being shared is not a picture of the lander. It is the Apollo 15 lunar landing site. pic.twitter.com/S6XYiDKafr
— Jonathan O’Callaghan (@Astro_Jonny) September 8, 2019
Also just quickly, I"m seeing this image shared a lot too claiming it is the #VikramLander on the Moon. It is not, it is NASA"s Curiosity rover on Mars. pic.twitter.com/QhFd1vHZQM
— Jonathan O’Callaghan (@Astro_Jonny) September 8, 2019
बता दें कि अब तक, इसरो ने विक्रम लैंडर की किसी भी थर्मल इमेज को अपने ट्विटर हैंडल या अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा नहीं किया है। चंद्रयान-2 के लैंडर मॉड्यूल "विक्रम" से इसरो लगातार संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है। सोमवार को इस मिशन से जुड़े इसरो के एक अधिकारी ने दावा किया कि विक्रम सही सलामत है और झुकी हुई स्थिति में है।
अधिकारी ने कहा कि हम लैंडर के साथ कम्यूनिकेशन फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "विक्रम पहले से ही चंद्रमा की सतह पर है और हम इसे रिओरियंट नहीं कर सकते। महत्वपूर्ण बात यह है कि कम्यूनिकेशन स्थापित करने के लिए विक्रम के एंटिना को ग्राउंड स्टेशन या ऑर्बिटर की ओर रहना होगा। उन्होंने कहा इस तरह का ऑपरेशन बेहद मुश्किल है, लेकिन अभी भी संभावनाएं बनी हुई है।