GDP पर बोली प्रियंका- अच्छे दिनों का भोंपू बजाने वाली सरकार ने पंक्चर की अर्थव्यवस्था
GDP पर बोली प्रियंका- अच्छे दिनों का भोंपू बजाने वाली सरकार ने पंक्चर की अर्थव्यवस्था
- GDP विकास दर को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
- अब साफ करो कि अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की ये किसकी करतूत है?
- प्रियंका ने ट्वीट कर कहा
- न GDP ग्रोथ है न रुपए की मजबूती
- रोजगार गायब हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरती जा रही है। शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा वे भी अर्थव्यवस्था को मुद्दा बनाते हुए मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। बीजेपी के अच्छे दिनों वाले नारे को दोहराते हुए प्रियंका ने कहा कि, अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली बीजेपी सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंक्चर कर दी है। इतना ही नहीं उन्होंने सवाल भी उठाए हैं कि, अर्थव्यवस्था को नष्ट करने की ये किसकी करतूत है?
GDP विकास दर से साफ है कि अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंचर कर दी है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 31, 2019
न GDP ग्रोथ है न रुपए की मजबूती। रोजगार गायब हैं।
अब तो साफ करो कि अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देने की ये किसकी करतूत है?#EconomicSlowdown#EconomyCrisis
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, GDP विकास दर से साफ है कि अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंक्चर कर दी है। न GDP ग्रोथ है न रुपए की मजबूती। रोजगार गायब हैं। अब तो साफ करो कि अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देने की ये किसकी करतूत है?
दरअसल देश की आर्थिक हालत बिगड़ती हुई दिखाई दे रही है। विकास दर सात साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। चालू वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घटकर पांच प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी। जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में जीडीपी 8.2% थी। साढ़े छह साल में ये इकोनॉमी की सबसे धीमी गति है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए।
देश के ऑटोमोबाइल समेत अन्य सेक्टर में सुस्ती का दौर देखने को मिल रहा है। ऑटो सेक्टर में प्रोडक्शन और सेल्स में लगातार गिरावट आ रही है। वहीं लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। इसी तरह एफएमसीजी और टेक्सटाइल सेक्टर भी मंदी जैसे हालात से गुजर रहे हैं। जीडीपी के गिरने का शेयर बाजार पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा जीडीपी के घटने से उत्पादन घटेगा और रोजगार पर बुरा असर पड़ेगा। कृषि क्षेत्र में भी संकट बढ़ सकता है।
हाल ही में इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड ने भी भारत की सालाना जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया था। वहीं क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।