मिजोरम: 12 घंटें में दो बार भूकंप, मकानों को नुकसान-सड़कों में पड़ीं दरारें, PM ने दिया मदद का आश्वासन
मिजोरम: 12 घंटें में दो बार भूकंप, मकानों को नुकसान-सड़कों में पड़ीं दरारें, PM ने दिया मदद का आश्वासन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच मिजोरम में 12 घंटे के अंदर दो बार भूकंप आया। सोमवार सुबह मिजोरम के चंफाई में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र चंफाई जिले में जमीन से 20 किलोमीटर नीचे रहा। जिसकी वजह से कई मकानों और इमारतों को नुकसान हुआ है, वहीं सड़कों पर भी दरारें पड़ गईं। गनीमत की बात यह है कि, अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इससे पहले रविवार को भी मिजोरम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
Two earthquakes rocked Mizoram within 12 hours. Damage assessment has been undertaken by concerned MLA district administration. Fortunately, no casualties reported so far. Thanking PM Home Minister for their assurance of support: Chief Minister of Mizoram, Zoramthanga pic.twitter.com/3eGtMjGUyC
— ANI (@ANI) June 22, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से फोन पर बात की और भूकंप के बाद हालात की जानकारी ली। इसके साथ ही पीएम ने उन्हें केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
Spoke to the Chief Minister of Mizoram, Zoramthanga
— ANI (@ANI) June 22, 2020
Ji on the situation in the wake of the earthquake there. Assured all possible support from the Centre: Prime Minister Narendra Modi pic.twitter.com/K8lSFgPNHn
मिजोरम में रविवार को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.1 मापी गई। इसके आसपास के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों और म्यांमार की सीमा से लगे इलाकों में भी हल्के झटके महसूस किए गए। हालांकि कोई नुकसान या हताहत नहीं हुआ है।
मिजोरम, अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप के हल्के झटके
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, भूकंप के झटके मिजोरम की राजधानी आइजोल और आसपास के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रों में शाम 4.16 बजे महसूस किए गए। कुछ सेकंड तक आए भूकंप का केंद्र 35 किलोमीटर की गहराई पर था।
मिजोरम में 5.0 तीव्रता का भूकंप
मिजोरम के चंफाई में गुरुवार रात को भी रिक्टर पैमाने पर 5.0 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसकी गहराई 80 किलोमीटर थी। भूकंप विज्ञानी भारत के पहाड़ी पूर्वोत्तर क्षेत्र को दुनिया में 6वीं प्रमुख भूकंप संभावित पट्टी मानते हैं। पूर्वोत्तर में इतिहास के कुछ सबसे बड़े भूकंप आए हैं। साल 1897 में 8.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र शिलांग था, जबकि 1950 में असम में रिक्टर पैमाने पर 8.7 तीव्रता का भूकंप आया था।