कोरोना की वजह से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा! एक्सपर्ट्स ने बताई वजह

हार्ट अटैक ने बढ़ाई चिंता कोरोना की वजह से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा! एक्सपर्ट्स ने बताई वजह

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-06 12:00 GMT
कोरोना की वजह से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा! एक्सपर्ट्स ने बताई वजह
हाईलाइट
  • न सुधरे तो होती रहेगी अचानक मौत

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आजकल हार्ट अटैक के काफी मामले सामने आ रही है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें देखा गया कि लोग शादी समारोह में डांस के दौरान अचानक गिर पड़ते हैं और उनकी मौत हो जाती है। जिसे देखकर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं। एक वाकया यूपी के लखनऊ से भी सामने आया। जहां पर 26 वर्षीय दुलहन जयमाला के वक्त स्टेज पर अचानक गिरती है और अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया, इसके पीछे की वजह हार्ट अटैक थी।

वाराणसी में शादी के दौरान मंदिर के बाहर डांस करते फूफा अचानक गिर गए और उनकी मौत हो गई। बाद में पता चला कि उनकी भी जान हार्ट अटैक की वजह से ही चली गई। मप्र के मंदिर में पूजा कर रहा एक 35 साल का शख्स काफी देर तक नहीं उठा, जब लोगों ने जाकर देखा तो पता चला कि उसकी मौत हो गई है। अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर में अचानक लोगों की मौत के पीछे की वजह क्या है। कोरोना, वैक्सीन या फिर और भी वजह हो सकती है तो आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय?

न सुधरे तो होती रहेगी अचानक मौत

25 से 35 साल के उम्र के लोगों की अचानक मौत या हार्ट अटैक सामान्य घटना है? क्या इस तरह के पहले भी केस आते रहे हैं या फिर सोशल मीडिया की वजह से आम लोगों को ज्यादा पता चल पा रहा है? इन सभी मुद्दों पर हिंदुस्तान लाइव ने सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट आरती दवे लालचंदानी से यह सवाल किया तो उनका जवाब था कि अचानक मौत होना कोई आम बात नहीं है और खासतौर पर युवाओं में तो न के बराबर है।

जिम करते वक्त अचानक मौत को लेकर डॉक्टर आरती ने बताया कि इन लोगों में कोई न कोई क्लॉट पहले से होता है। उन्होंने आगे बताया कि एक्जर्शन के वक्त ब्लड सर्कुलेशन तेज होने पर टूटकर आगे बढ़ता है। यह लंग्स, ब्रेन या हार्ट में कहीं फंसकर ब्लड सप्लाई रोक देता है। जिससे सडन डेथ हो सकती है। डॉक्टर आरती ने बताया कि मेंटल स्ट्रेस की वहज से भी ऐसा हो सकता है। इसके साथ ही जिन लोगों की इम्यूनिटी, कोलेस्ट्रॉल कम है या फिर एनीमिया है उनमें भी सडन डेथ खे खतरे बढ़ने की उम्मीद रहती है। 

लोगों के लिए फास्टफूड बना खतरा

डॉक्टर आरती आगे कहती हैं कि स्ट्रेस फाइट के लिए सुबह उठकर पूजा, हवन, यज्ञ, प्रार्थना या जिसमें शांति मिले, करते रहना चाहिए। बासी चिकन, फास्टफूड व कोल्डड्रिंक्स जैसे खाद्य पदार्थ के सेवन से बचना चाहिए। बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में मिलने वाले फ्राइड चिकन जानवरों की मृतशरीर होती है। इन्हें सड़ने से बचाने के लिए हार्ड केमिकल का इस्तेमाल होता है। फूड्स के कई तरह के फंगस शरीर में पहुंच रहे हैं, जो अचानक मृत के कारण बनते हैं। डॉक्टर ने आगे कहा कि जब तक आदतें नहीं बदलेंगे अचानक मौक का सिससिला चलता रहेगा। आगे कहा कि भारत में लोगों को शरीर में नमक की आवश्यकता होती है। लेकिन लोग ध्यान नहीं देते हैं। विदेशों लोगों के खाने में सोडियम होता है, जबकि भारत में हर खाना पकाकर खाया जाता है। अचानक मौत के कारण में करीब 25 फीसदी लोगों में सोडियम की कमी मिलती है। ऐसे में लोगों को अपने सेहत के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है।

25 फीसदी की 2 घंटे में होती है मौत

वहीं मैक्स हॉस्पिटल नोएडा के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियलोलॉजिस्ट डॉक्टर अजय शर्मा ने बताया पहले भी 50 फीसदी से ज्यादा अटैक के मामले 50 साल से कम के उम्र के लोगों में आते थे। वहीं भारतीयों में पश्चिम की तुलना में 10 से 15 साल पहले हार्ट प्रॉब्लम्स होती हैं। जिनको दिक्कत आती है, उन्हें 25 फीसदी लोगों की 2 घंटे के अंदर मौत हो जाती है। ये कोविड के पहले भी रहा है। 

कोविड की वजह से बनी मुश्किलें

हिंदुस्तान लाइव से बात करते हुए डॉक्टर अजय बताते हैं कि समय से पहले मौत की बड़ी वजह दिल की बीमारी है। लेकिन हां कोविड के बाद ऐसे केसेज में 10 फीसदी हार्ट अटैक की समस्या बढ़ी है। हालांकि, यह बात साफ नहीं हो पाई जिनको कोविड हुआ है, जिनको दो बार कोविड हुआ है। उनके सिस्टम पर क्या असर पड़ा है। इसलिए ध्यान देने वाली बात है कि हो सकता है कि क्लॉटिंग इफेक्ट बढ़ा हो। इसके पीछे की वजह लाइफस्टाइल, स्मोकिंग व लोग हेल्थ चेकअप नहीं करवाते हैं। कभी-कभी हार्ट की मसल्स की दिक्कत होती है, उसकी वजह से मौत हो गई तो सीधे बोल देते हैं कि हार्ट अटैक आ गया है। हमेशा हार्ट अटैक से मौत नहीं होती।

कोविड के बाद बढ़े केस

लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि कोविड के बाद हार्ट अटैक के केसेज में इतनी बढ़ोत्तरी कैसे हो रही है। इस पर हैदराबाद के पल्स इंस्टिट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एमएसएस मुखर्जी ने बताया, कोरोना महामारी के दौरान लोगों का चलना-फिरना कम हुआ, योगा भी कम हुआ है। जंक फूड ज्यादा खाया जा रहा है। ये मेटाबॉलिक सिंड्रोम की मुख्य दो वजहें हैं, जिससे दिल की बीमारी होती है। इसके अलावा लोगों का साइकोलॉजिकल, सामाजिक व आर्थिक स्ट्रेस बढ़ा है। 

अगर दिखता है ये लक्षण तो हो जाएं अलर्ट

डॉक्टर ने आगे लोगों को सलाह दी कि अगर सीने में दर्द हो रहा हो तो इसे इग्नोर न करें। डॉक्टर से सलाह लेकर हेल्थ चेकअप कराएं। अगर सांस में दिक्कत, हार्ट बीट तेज हो या फिर चक्कर, पैरों में सूजन हो व मेहनत करने पर अगर सीने में दर्द महसूस करता हो तो तुरंत डॉक्टर सें संपर्क करें।


 

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