Tweet: राहुल गांधी का सरकार पर वार- कृषि कानून किसानों के लिए मौत की सज़ा, भारत में मर चुका है लोकतंत्र
Tweet: राहुल गांधी का सरकार पर वार- कृषि कानून किसानों के लिए मौत की सज़ा, भारत में मर चुका है लोकतंत्र
- कहा- किसानों की आवाज संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गयी है
- कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सरकार पर हमला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। सोमवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, कृषि क़ानून हमारे किसानों के लिए मौत की सज़ा हैं। उनकी आवाज़ संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गयी है। इससे साबित होता है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है।
The agriculture laws are a death sentence to our farmers. Their voice is crushed in Parliament and outside.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 28, 2020
Here is proof that democracy in India is dead. pic.twitter.com/MC4BIFtZiA
राहुल ने अपने ट्वीट में एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया कि विपक्ष के द्वारा सीट पर खड़े होकर डिविजन की मांग किए जाने के बाद भी उपसभापति हरिवंश ने इसके लिए आदेश नहीं दिया। बिना डिविजन के ध्वनि मत से कृषि बिल पास करवा दिया।
बता दें कि, लोकसभा-राज्यसभा से पारित हो चुके मोदी सरकार के तीनों बिलों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी भी दे दी है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब ये तीनों बिल कानून बन गए हैं। इन बिलों को लेकर संसद में विपक्षी दलों ने और बाहर पंजाब-हरियाणा के किसानों ने जमकर विरोध किया। देशभर में अब भी विरोध प्रदर्शन जारी है।
कृषि बिल के विरोध में पहले अकाली दल की नेता और केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दिया। कुछ दिन बाद अकाली दल भी एनडीए से अलग हो गया। दोनों सदन में इन विधेयकों के पास होने के बाद विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात करके इन बिलों को मंजूरी नहीं देने की अपील की थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद संसद से पास हुए कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पर 24 सितंबर को और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 अब कानून बन गए हैं।