सीएम स्टालिन ने उद्योग मंत्री से सिंगल यूज प्लास्टिक सिगरेट लाइटर पर बैन लगाने की मांग की
तमिलनाडु सीएम स्टालिन ने उद्योग मंत्री से सिंगल यूज प्लास्टिक सिगरेट लाइटर पर बैन लगाने की मांग की
- तमिलनाडु का माचिस उद्योग एक लाख श्रमिकों को देता है रोजगार
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर उनसे सिंगल यूज प्लास्टिक सिगरेट लाइटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने के उपाय करने का आग्रह किया है।
उन्होंने प्लास्टिक सिगरेट लाइटर के अवैध आयात के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी आह्वान किया। एम.के. स्टालिन ने माचिस उद्योग को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा, माचिस उद्योग, जो दक्षिण तमिलनाडु में प्रमुख रोजगार जनरेटर में से एक था, वर्तमान में बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। दक्षिण तमिलनाडु का माचिस उद्योग लगभग एक लाख श्रमिकों को रोजगार दे रहा है, जिनमें अधिकांश महिलाएं शामिल हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, राज्य के माचिस उद्योग को पाकिस्तान और इंडोनेशिया से निर्यात बाजार में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। और कोविड-19 महामारी के बाद लॉजिस्टिक व्यवधानों के साथ आयात लागत ने तमिलनाडु के माचिस उद्योग पर एक संकट खड़ा कर दिया है। इसके अलावा, घरेलू बाजार को सिंगल यूज प्लास्टिक सिगरेट लाइटर एक और बड़ी बाधा खड़ी कर रहा है। लाइटर 10 रुपये में उपलब्ध है और 20 माचिस की डिब्बी के बराबर है।
उन्होंने कहा कि, ये नॉन-रिफिलेबल सिगरेट लाइटर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं क्योंकि ये प्लास्टिक से बने होते हैं जो पर्यावरण के अनुकूल नहीं होते हैं।
केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में, जिसे मीडिया के साथ साझा किया गया, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि, अगर आयातित सिगरेट लाइटर बाजार पर कब्जा कर लेते हैं, तो यह राज्य के पारंपरिक माचिस उद्योग को मार देगा, लाखों लोगों की आजीविका को नष्ट कर देगा। उन्होंने यह भी कहा कि, माचिस उद्योग राज्य के उन क्षेत्रों में स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास के प्रमुख इंजनों में से एक है जो कृषि से रहित हैं।
आईएएनएस
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