मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती 'बंगला विवाद' में घिरे

मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती 'बंगला विवाद' में घिरे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-23 03:48 GMT
मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती 'बंगला विवाद' में घिरे

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। चुनाव आयोग की मुख्य आयुक्त एके जोती परेशानियों में घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल एके जोती पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात सरकार के नियमों के खिलाफ सरकार पर दबाव बनाकर अनैतिक तरीके से बंगले पर कब्जा किया था। इस ने विवाद थोडे ही दिनों एक विकराल रूप धारण कर लिया है। इसी विवाद को देखते हुए जोती ने रविवार को इस मामले पर सफाई दी। उनका कहना है कि उन्होंने अहमदाबाद में घर के लिए गुजरात सरकार से अपील की थी क्योंकि वह साल भर के लिए अपनी पत्नी के साथ दिल्ली के गुजरात भवन में नहीं रुक सकते थे। इसके बाद उन्हें सरकार ने नियम के तहत बंगला आवंटित किया। उन्होंने आग कहा कि मैंने गुजरात सरकार के नियम के अनुसार बंगले के किराए का भुगतान भी किया। मेरे पास इस बंगले से जुड़े सारे दस्तावेज हैं।

जोती ने बंगले के आवंटन के बारे में कहा कि जब वह चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए थे तब उन्होंने गुजरात सरकार से अनुरोध किया था कि उन्हें दफनला क्षेत्र में घर दिया जाए क्योंकि वह अपनी पत्नी के साथ गुजरात भवन दिल्ली में एक साल नहीं रुक सकते थे। इसके बाद उन्हें गुजरात सरकार की तरफ से अहमदाबाद में अक्टूबर 2016 में बंगला मिला। बंगले का दिए जाने के सरकारी दस्तावेज मौजूद हैं। मैंने सरकार से किसी तरह से कोई अनुचित लाभ नहीं लिया है। 

"द वायर" ने लगाया था आरोप 
"द वायर" न्यूज वेबसाइट ने आरोप लगाया था कि जब आयुक्त एके जोती गुजरात में थे तब उन्हें अहमदाबाद में बंगला मिला था। लेकिन चुनाव आयुक्त नियुक्त होने पर भी वह उसी बंगले में रह रहे थे। उन्होंने बंगला एक साल से अधिक समय होने के बाद भी नहीं छोड़ा और कब्जा करके रुके हुए थे। 

आपको बता दें कि जोति 1975 बैच गुजरात बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह 31 जनवरी 2013 को चीफ सेक्रेटरी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद वह विजिलेंस कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुए थे। साल 2015 में वह इलेक्शन कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुए थे। वर्ष 2017 में उन्हें चेइफ इलेक्शन कमिश्नर का जिम्मा सौंपा गया। 

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