बयान: CBI जांच पर बोले शरद पवार- उम्मीद है सुशांत मामले की जांच का हाल दाभोलकर हत्याकांड जैसा न हो

बयान: CBI जांच पर बोले शरद पवार- उम्मीद है सुशांत मामले की जांच का हाल दाभोलकर हत्याकांड जैसा न हो

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-20 08:43 GMT
बयान: CBI जांच पर बोले शरद पवार- उम्मीद है सुशांत मामले की जांच का हाल दाभोलकर हत्याकांड जैसा न हो

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने टिप्पणी की है। गुरुवार को शरद पवार ने तंज कसते हुए कहा है कि, सुशांत मामले की जांच का हाल नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की तरह न हो जाए जिसे सीबीआई अब तक नहीं सुलझा पाई है।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सुशांत केस की जांच स्थानांतरित करने के बाद पवार ने गुरुवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। पवार ने ट्वीट कर कहा, मुझे उम्मीद है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच दाभोलकर हत्या मामले की तरह न हो। सीबीआई ने 2014 में इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन आज तक इसका कोई हल नहीं निकला।

दिवंगत अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर को उनकी 7वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एनसीपी सुप्रीमो ने यह भी कहा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार सुशांत जांच में सीबीआई का सहयोग करेगी। पवार ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत जांच प्रक्रिया CBI को हस्तांतरित करने का आदेश दिया है। यकीन है कि महाराष्ट्र सरकार इस निर्णय का सम्मान करेगी और जांच में पूरी तरह से सहयोग करेगी।

पवार की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातलकर ने कहा कि, एनसीपी नेता यह भूल गए हैं कि उस समय राज्य में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार सत्ता में थी। उन्होंने सवाल उठाया कि, तब मामले की जांच क्यों नहीं की गई? क्या पुलिस ने तब भी वही किया था जो अब (सुशांत मामले में) किया?

नरेंद्र दाभोलकर के बेटे हामिद दाभोलकर ने कहा, पिछले 6 वर्षों से सीबीआई दाभोलकर की हत्या के मामले की जांच कर रही है और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फिर भी हत्या के पीछे मुख्य मास्टरमाइंड पकड़ा नहीं गया है, जो कि स्वतंत्र विचारकों के लिए खतरा है।

जाने-माने बुद्धिवादी और महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एमएएनएस) के संस्थापक दाभोलकर की 2013 में उनके पुणे स्थित घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए 2014 में इस मामले की जांच सीबीआई को दी थी।

 

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