आर्टिकल 370 पर बोले शाह- खत्म होगा आतंकवाद, विकास के रास्ते बढ़ेगा कश्मीर
आर्टिकल 370 पर बोले शाह- खत्म होगा आतंकवाद, विकास के रास्ते बढ़ेगा कश्मीर
- अमित शाह ने कहा
- अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से बहुत पहले हट जाना चाहिए था
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पहली प्रतिक्रिया दी है। अमित शाह ने कहा आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर से बहुत पहले ही हट जाना चाहिए था क्योंकि इससे वहां कोई फायदा नहीं हुआ। अब 370 के हटने से कश्मीर से आतंकवाद खत्म हो जाएगा और घाटी विकास की राह पर चलेगी।
#WATCH Amit Shah:As a legislator,I firmly believe Art370 should"ve been removed long ago. As a Home Minister,there was no confusion in my mind about the consequences of removing Art370. I"m confident terrorism in Kashmir will finishit"ll move ahead on the path of development now pic.twitter.com/YWyW5xJJs1
— ANI (@ANI) August 11, 2019
गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर आधारित पुस्तक "लिसनिंग, लर्निंग एंड लीडिंग’ का विमोचन किया। इस कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा, आर्टिकल 370 को खत्म करने वाले बिल को पेश करने के दौरान उनके मन में डर था। गृहमंत्री के रूप में मेरे मन में अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लेते वक्त कोई असमंजस नहीं था कि कश्मीर पर क्या असर होगा। मुझे लगा कि कश्मीर और खुशहाल होगा लेकिन राज्यसभा में बिल को पेश करने के दौरान एक डर था।
Home Minister Shri @AmitShah releases the book "LISTENING, LEARNING LEADING..." A chronicle of the Hon"ble Vice President of India Shri @MVenkaiahNaidu"s two years in office in Chennai, Tamil Nadu. pic.twitter.com/jgMEO5cYgZ
— BJP (@BJP4India) 11 अगस्त 2019
अमित शाह ने कहा, जम्मू-कश्मीर से अब आतंकवाद खत्म होगा और वह विकास के रास्ते पर चलेगा। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से बहुत पहले हट जाना चाहिए था, इससे वहां कोई फायदा नहीं हुआ। शाह ने वैंकेया नायडू का आभार जताते हुए कहा, राज्यसभा में हमारा पूर्ण बहुमत नहीं है इसलिए हमने तय किया कि पहले वहां बिल पेश करेंगे और फिर लोकसभा में जाएंगे। वैकेंया नायडू ने ऊपरी सदन की गरिमा नीचे नहीं गिरने दी।
गौरतलब है कि, 5 अगस्त को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की धारा (1) को छोड़कर सभी धाराओं को हटाने की सिफारिश की थी। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने का पुनर्गठित बिल पेश किया था।