पांच दशक से कांग्रेस में रहे अम्मार रिजवी BJP में शामिल

पांच दशक से कांग्रेस में रहे अम्मार रिजवी BJP में शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-23 19:56 GMT
पांच दशक से कांग्रेस में रहे अम्मार रिजवी BJP में शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पांच दशक से भी ज्यादा समय तक कांग्रेस की राजनीति में शामिल रहे और उत्तर प्रदेश के दो बार कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहे डॉ. अम्मार रिजवी बुधवार को दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने पिछले अप्रैल में कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। रिजवी उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहने के साथ ही 5 बार मंत्री भी रहे हैं। 

बीजेपी में शामिल होने के बाद डॉ. रिजवी ने कहा कि अल्पखंख्यकों में भ्रम की जो स्थिति पैदा हुई है उसे वे दूर करने की कोशिश करेंगे। रिजवी को बीजेपी महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी में शामिल कराया। पिछले साल प्रधानमंत्री ने उन्हें सऊदी अरब का गुडविल एंबेसडर बनाया था। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान रिजवी ने कांग्रेस पार्टी पर दलबदलुओं को महत्व देने का आरोप लगाया था और राष्ट्रीय और प्रांतीय संगठन के पदों से इस्तीफा दे दिया था। 

 

 

हालांकि रिजवी कांग्रेस पार्टी के अभी प्राथमिक सदस्य हैं, क्योंकि उन्होंने इससे जुड़ा इस्तीफा नहीं दिया है। भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि जब वह सऊदी अरब में हज करने गए थे तो उन्होंने वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत तारीफ सुनी और कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने जैसे कई फैसलों के बाद उन्होंने भाजपा से जुड़ने का फैसला किया।

डॉ. अम्मार रिजवी ने कहा कि भाजपा को मुसलमानों का दुश्मन बताकर विरोधी दल कौम को डराते हैं, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा को लेकर मुस्लिमों में बैठे डर को दूरकर उन्हें जोड़ने की कोशिश करेंगे। रिजवी ने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव अरुण सिंह आदि नेताओं के निर्देशन में काम करेंगे।

इंदिरा गांधी के कहने पर जुड़े थे कांग्रेस से

डॉ. रिजवी के मुताबिक वह 1966 में इंदिरा गांधी के कहने पर कांग्रेस की राजनीति से जुड़े थे। 5 दशक उन्होंने कांग्रेस में बिता दिए, मगर पार्टी में दलबदलुओं को तरजीह मिलने पर उन्होंने बीते अप्रैल में राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर की जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया था। रिजवी उत्तर प्रदेश में पांच बार मंत्री भी रहे हैं।

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