सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता बोले- देश एकजुट..सभी पार्टियों के अध्यक्ष से बात करें पीएम मोदी
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता बोले- देश एकजुट..सभी पार्टियों के अध्यक्ष से बात करें पीएम मोदी
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह अध्यक्ष
- विपक्ष को भरोसे में लेकर कदम उठाएगी सरकार
- संसद भवन की लाइब्रेरी में बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुलवामा हमले के तीसरे दिन शनिवार को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें विपक्षी पार्टियों के नेता भी संसद भवन पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद की लाइब्रेरी में बैठक हुई, जिसमें सरकार ने पुलवामा हमले के बाद उठाए जाने वाले कदम के बारे में विपक्षी दलों से विचार-विमर्श किया।
बैठक के बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हमने गृहमंत्री से निवेदन किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के अध्यक्षों की बैठक का आयोजन करें। इस मांग का बाकि राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन किया है। आजाद ने कहा कि आतंकवाद के खात्में के लिए पूरी कांग्रेस भारतीय सेना के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि देश इस समय एकजुट है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी पार्टियों के अध्यक्ष से इस बारे में बात करें।
ये नेता शामिल थे बैठक में
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा के अलावा शिवसेना से संजय राउत, एनसीपी नेता शरद पवार, आनंद शर्मा, कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, के वेणुगोपाल, बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा, एनसी से फारुख अब्दुल्ला, आरजेडी नेता जेपी यादव, सीपीएम नेता टीके रंगराजन, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, सुदीप बंधोपाध्याय, टीआरएस से जितेंद्र रेड्डी, राम मोहन नायडू, चंदू माजरा, नरेश गुजराल, आरएसएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा और आप नेता संजय सिंह शामिल हुए।
The resolution passed at the all-party meeting: We strongly condemn the dastardly terror act of 14th February at Pulwama in JK in which lives of 40 brave jawans of CRPF were lost. pic.twitter.com/0OjGkgS6He
— ANI (@ANI) February 16, 2019
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सुरक्षा ममलों की कैबिनेट की बैठक ली थी, जिसके बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला लिया गया था। दरअसल, पुलवामा अटैक के बाद मोदी सरकार विपक्ष को भरोसे में लेने के बाद ही कोई कदम उठाना चाहती है।
आतंकी हमले के बाद सर्वदलीय बैठक इससे पहले सितंबर 2016 में हुई थी। बैठक के तुरंत बाद भारत ने LOC पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, हालांकि तब विपक्षी दलों से सलाह-मशविरा नहीं किया गया था, बल्कि उन्हें सरकार के कदम की जानकारी दी गई थी।
इससे पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी सेना और सरकार के साथ खड़े होने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा था कि आतंकवाद देश को तोड़ने और बांटने की कोशिश करता है।
बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में आतंकियों ने CRPF की एक बस को अपना निशाना बनाया था। आतंकियों के इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस हमले की जांच के लिए सरकार ने NIA की 12 सदस्यीय टीम का भी गठन किया है। ये टीम शुक्रवार सुबह लेथीपोरा पहुंची थी और घटनास्थल से तमाम सबूत इकट्ठा किए। मामले की जांच में जुटी केंद्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट्स में ये भी खुलासा हुआ है कि जवानों के काफिले को निशाना बनाने के लिए RDX नहीं बल्कि यूरिया अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किया गया था। यूरिया अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग कश्मीर में पत्थर की खदानों में किया जाता है।