मोदी सरकार ने अजित डोभाल को दी कैबिनेट रैंक, बने रहेंगे NSA

मोदी सरकार ने अजित डोभाल को दी कैबिनेट रैंक, बने रहेंगे NSA

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-03 08:42 GMT
हाईलाइट
  • NSA अजीत डोभाल को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला 
  • अजीत डोभाल अगले 5 साल तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने रहेंगे
  • डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने NSA अजीत डोभाल का कार्यकाल बढ़ा दिया है इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। अजीत डोभाल अगले पांच साल तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने रहेंगे। बता दें कि 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था। अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था।

मोदी सरकार ने यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा में डोभाल के योगदान को देखते लिया है। अजीत डोभाल की देखरेख में ही 2016 में पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में सर्जिकल स्ट्राइक और इस साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की गई। भारतीय सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइल और एयर स्ट्राइक की योजना का श्रेय एनएसए डोभाल को दिया जाता है। ऑपरेशन विंग के प्रमुख के रूप में एक दशक बिताने के बाद उन्होंने 2004-05 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के रूप में कार्य किया।

देश के 5वें सुरक्षा सलाहकार हैं डोभाल
बता दें कि, अजीत डोभाल IPS और भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वह 31 मई 2014 से अभी तक देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर हैं। वह देश के 5वें सुरक्षा सलाहकार हैं। 1968 केरल बैच के IPS अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे। डोभाल ने अपने करियर में ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया है। ऐसा कहा जाता है कि वह 7 साल तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस रहे हैं। 

डोभाल कई अवॉर्ड से भी नवाजे जा चुके हैं
अजीत डोभाल भारत के एकमात्र ऐसे पुलिस अफसर हैं जिन्हें कीर्ति चक्र और शांतिकाल में मिलने वाले गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा गया है। अजीत डोभाल का जन्म 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ है। उन्होंने अजमेर मिलिट्री स्कूल में पढ़ाई की है।

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