मायावती का वार: बसपा चीफ ने दी दलित विरोधी पार्टियों से सावधान रहने की सलाह, भतीजे आकाश आनंद के बाद मायावती का फूटा कांग्रेस पर गुस्सा
- मायावती ने कांग्रेस पर साधा जोरदार निशाना
- बुरे वक्त में याद आने लगते हैं दलित- मायावती
- दलितों को अम्बेडकर के कदमों पर चलने की सलाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। मायावती ने दलितों और परिवारवाद का मुद्दा उठाकर कांग्रेस के साथ-साथ अन्य जातिवादी पार्टियों को घेरे में लिया है। बसपा चीफ ने कहा कि मुख्य तौर पर कांग्रेस अपने बुरे वक्त में दलितों को कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री सहित अन्य प्रमुख पदों पर रख तो लेती है। लेकिन जब पार्टी का अच्छा समय आता है तो वह उन्हें अलग कर देते हैं। आपको बता दें कि, हरियाणा की 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। इसी बीच राजनीतिक गलियारों में दलितों का मुद्दा काफी ज्यादा उठाया जा रहा है। दरअसल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कांग्रेस दलित नेता कुमारी शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर देने के बाद से वह और भी ज्यादा चर्चा में आ गई हैं।
मालूम हो कि, हाल ही में बसपा सुप्रीमो के भतीजे आकाश आनंद ने भी इसी मुद्दे को छेड़ते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी हरियाणा की अपनी दलित बेटी का सम्मान नहीं करती है तो हमारा क्या करेंगे। हुड्डा के समर्थकों ने शैलजा के बारे में बहुत बुरा-बुरा बोला लेकिन इसके बावजूद कांग्रेसी नेता हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहे, उन्होंने कुछ भी नहीं बोला।
अच्छे वक्त में दलितों को भूल जाती है कांग्रेस- मायावती
मायावती ने कांग्रेस सहित अन्य जातिवादी दलों पर निशाना साधते हुए कहा- देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री और संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है। लेकिन यह पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में, इनको ज्यादातर दरकिनार ही कर देती हैं। साथ ही इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है।
'ऐसी पार्टियों से हो जाना चाहिए अलग'
बसपा चीफ ने अम्बेडकर का उदाहरण देकर कहा- ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए और अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए। क्योंकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की वजह से अपने केन्द्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था।
मायावती ने दिया था इस्तीफा
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आगे कहा- डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरित होकर मैंने भी जिला सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में इसकी हुई उपेक्षा और ना बोलने देने की स्थिति में, फिर मैंने इनके सम्मान व स्वाभिमान में अपने राज्यसभा सांसद से इस्तीफा भी दे दिया था। साथ ही, मायावती ने दलितों को अम्बेडकर के पदचिन्हों पर चलने की सलाह भी दी।
लोग रहें सावधान- बीएसपी चीफ
इसके अलावा, कांग्रेस और अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इनके आरक्षण के भी विरूद्ध रही हैं। राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही एलान कर दिया है। ऐसी संविधान, आरक्षण और SC, ST, OBC विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सावधान रहें।