मणिपुर हिंसा: मंत्री, केंद्रीय मंत्री के बाद अब उपद्रवियों ने बीजेपी दफ्तर को बनाया निशाना, किया आग के हवाले

  • मणिपुर में 3 मई से भड़की है 'आग'
  • प्रदेश के मैतई और कुकी समुदाय आमने-सामने

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-17 09:41 GMT

डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर में हिंसा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक महीने से ज्यादा दिनों से प्रदेश में हिंसा भड़की हुई है। जिसकी वजह से अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। एक महीने पहले मैतई और कुकी जनजातीय में उठा विवाद प्रदेश सरकार के साथ भारत सरकार को भी सकते में डाले हुए है तमाम इंतजाम के बाद भी हिंसा रोकने में सरकारें असफल रही हैं। बीते दिन यानी 16 जून को एक बार फिर हिंसा भड़क गई। हिंसा इतनी भयानक थी कि प्रदेश के बीजेपी कार्यालय को असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा ऑफिस में घुस कर जमकर तोड़फोड़ की। जिसके वीडियो सामने आए हैं। उपद्रवियों ने बीजेपी कार्यालय से पार्टी का झंडा हटा कर फेंक दिया है।

हिंसा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के पूर्व आर्मी चीफ वेद प्रकाश मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से प्रदेश की हालात को लेकर बातचीत की है और फौरन उचित कदम उठाने के लिए आव्हान किया है। जिस पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा पूर्व आर्मी चीफ मलिक ने मणिपुर के रिटायर्ड लेफ्टिनेंटे जनरल के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि, मणिपुर में जिस तरह के हालात दिख रहे हैं उनका शीघ्र से शीघ्र समाधान हो ताकि प्रदेश में शांति कायम हो सके।

मंत्री और केंद्रीय मंत्री उपद्रवियों के निशाने पर

बीजेपी दफ्तर को आग लगाने से पहले उपद्रवियों ने 15 जून को केंद्रीय राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह के घर को अपना निशाना बनाया था। इंफाल में स्थित घर को आग के हवाले कर दिया। गनीमत रही कि उस समय केंद्रीय मंत्री घर में मौजूद नहीं थे। केंद्रीय मंत्री के घर फूंकने के अलावा ठीक उसी रात न्यू चेकऑन में भी दो घरों को असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया था। जिसमें घर धुंधुकर जलते हुए देखे गए थे। केंद्रीय मंत्री के अलावा 14 जून को प्रदेश की अकेली महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास को भी निशाना बनाया गया था इसे भी आग के हवाले कर दिया गया था। मणिपुर में हर रोज आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। वहीं सुरक्षाबलों और पुलिस तमाम कोशिशों के बावजूद भी उपद्रवियों पर नकेल कसने में अब तक नाकामयाब ही साबित हुए हैं।

प्वाइंट्स में समझें हिंसा क्यों हो रही है?

  • मणिपुर में सबसे पहले हिंसा 3 मई को भड़की थी, जो अब तक बदस्तूर जारी है।
  • हिंसा भड़कने का मुख्य कारण अदालत का एक फैसला है। हाईकोर्ट ने मणिपुर की मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे दिया। जिसके खिलाफ कुकी समुदाय के लोगों ने अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया ये कहकर की ये हमारा हक को छीन लेंगे।
  • आलम यह है कि अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मैतई और कुकी समुदाय से मारे गए हैं। फिर भी ये आग शांत नहीं हो रही है।
  • माना जा रहा है कि मणिपुर में हिंसा कुकी समुदाय के लोगों ने भड़काई है। ये हाईकोर्ट के द्वारा मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को सिरे से नकार रहे हैं।
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