मणिपुर केस: पहली बार बैठक करेंगे कुकी-मैतई समुदाय, कल दिल्ली में मिलकर निकालेंगे शांति का समाधान

  • 16 महीने से मणिपुर के हालात खराब
  • शांति का समाधान निकालने बैठक करेंगे कुकी-मैतई समुदाय
  • अगस्त में दोनों समुदाय के बीच हुआ था शांति समझौता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-14 15:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते एक साल से देश का पूर्वोत्तर राज्य जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। इस बीच कुकी और मैतेई समुदाय पहली दफा बातचीत करने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय की ओर से राजधानी दिल्ली में कल (15 अक्टूबर) होने वाली बैठक में दोनों समुदाय के नेता और विधायक शामिल होने वाले हैं जिससे शांतिपूर्ण तरीके से हिंसा का समाधान निकाला जा सके।

ये नेता होंगे शामिल

बैठक में मैतेई समुदाय की ओर से थोंगम बिस्वजीत, स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत, थोउनाओजम बसंतकुमार, खोंगबंतबाम इबोमचा, डॉ. सपाम रंजन, थोकचोम राधे-श्याम और टोंगब्रम रॉबिन्ड्रो शामिल होंगे। वहीं कुकी समुदाय से लेटपाओ हाओकिप, पाओलिएनलाल हाओकिप, हाओखोलेट किपगेन रहेंगे। इन दोनों समुदायों के अलावा नागा विधायक और नेताओं में अवांगबो न्यूमई, एल. दिखो और राम मुइवा भी मौजूद रहेंगे।

बता दें कि मणिपुर में बीते साल 3 मई को जातीय हिंसा की शुरूआत हुई थी। पिछले 16 महीनों से जारी इस हिंसा में अब तक करीब 220 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1 हजार से ज्यादा लोग इसमें घायल हो चुके हैं। वहीं 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं।

अगस्त में दोनों समुदाय के बीच हुआ था शांति समझौता

इससे पहले अगस्त में मणिपुर के जिरीबाम में कुकी और मैतेई ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत जिरीबाम में दोनों पक्ष आगजनी और फायरिंग की घटनाओं को रोकने के लिये सुरक्षाबलों का सहयोग करेंगे और स्थिति को सामान्य करने की दिशा में काम करेंगे।

जिरीबाम के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में 1 अगस्त को हुई इस मीटिंग में कुकी और मैतई के बीच हुई इस मीटिंग को सीआरपीएफ, असम राइफल्स और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर ने आयोजित करवाया था। इसी मीटिंग में दोनों पक्षों ने एग्रीमेंट पर भी साइन किया था।

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