कोलकाता रेप-मर्डर केस: डॉक्टर्स के प्रदर्शन के सामने ममता सरकार ने टेके घुटने, पूरी की तीन मांगे
- कोलकाता रेप मर्डर केस को लेकर बवाल जारी
- ममता सरकार ने डॉक्टर्स की मानी तीन मांगे
- हॉस्पिटल के प्रंसिपल और एमेसवीपी को हटाने का लिया फैसला
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में इस वक्त कोलकाता रेप कांड काफी चर्चा में है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता को लेकर देशभर के कई डॉक्टर स्ट्राइक पर बैठे थे। जिसके बाद अब मख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को डॉक्टरों के आगे आखिरकार झुकना ही पड़ा। दरअसल, सरकार ने बुधवार देर शाम डॉक्टरों के प्रदर्शन को रोकने के लिए उनके तीन बड़ी मांगों को स्वीकार कर लिया है।
टीएमसी सरकार ने छात्रों की मांग के अनुसार आरजी कर मेडिकल कॉलेज की मौजूदा प्रिंसिपल सुहृता पॉल और एमएसवीपी बुलबुल मुखर्जी को त्तकाल प्रभाव से हटा दिया है। इसके अलावा चेस्ट मेडिसिन के प्रमुख अरुणव दत्त चौधरी को भी हटा दिया गया है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने आरजीके में तबादलों की घोषणा कर दी है।
मेडिकल कॉलेज में तैनात 150 सीआईएसएफ जवान
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चल रहे प्रदर्शन में भगदड़ को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट नें केंद्रिय सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लगभग 150 जवानों को तैनात करने का आदेश दिया है। खबरों की माने तो, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद ही केंद्रिय गृह मंत्रालय ने बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था जिसके बाद जवानों की तैनाती का फैसला हुआ था।
पीड़िता को लेकर आईटी मंत्रालय ने जारी किया आदेश
सूचना प्रौद्योगिक (आईटी) मंत्रालय ने भी बुधवार को एक आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक, सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पीड़िता डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद उसके नाम, तस्वीर और वीडियो को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सख्त रूप से पालन करें। आईटी मंत्रालय ने ऐसे सभी प्लेटफॉर्म्स से पीड़िता के पहचान कराने वालें हर चीज को हटाने का आदेश दिया है।