धरना प्रदर्शनों पर रोक: डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन के बीच कोलकाता पुलिस ने शहर में निषेधाज्ञा लागू की
- 18 अगस्त से अगले सात दिनों के लिए प्रभावी
- सीआरपीसी की पूर्व धारा 144
- पांच या अधिक व्यक्तियों की गैरकानूनी सभा निषिद्ध
- रैलियां, बैठकें, जुलूस, धरना, प्रदर्शनों पर रोक
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 (सीआरपीसी की पूर्व धारा 144) लागू कर दी है। पुलिस ने ऐसा आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शनों ,रैलियों, बैठकों के चलते फैसला लिया है। कोलकाता पुलिस का यह आदेश 18 अगस्त से अगले सात दिनों के लिए प्रभावी रहेंगे।
मिली जानकारी के अमुसार बीते बुधवार को आरजी कर कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के चलते भीड़ ने स्थल और अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया। इस दौरान कुछ पुलिस कर्मियों के घायल होने के साथ ही कॉलेज की संपत्ति और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा था।
आपको बता दें शनिवार को पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गहा है कि निर्दिष्ट क्षेत्र में रैलियां, बैठकें, जुलूस, धरना, प्रदर्शन और पांच या अधिक व्यक्तियों की गैरकानूनी सभाओं पर रोक लगाई जाती है। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति हथियार लाता-लेजाता पाया जाता है या शांति भंग करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनू कार्रवाई अकी जाएगी।
पुलिस ने अपने आदेश में बताया है कि यह प्रतिबंध विश्वनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी के बाद लगाया गया है। इनपुट से जनता या किसी संगठन के एक वर्ग द्वारा हिंसक प्रदर्शनों, रैलियों और बैठकों के लिए पर्याप्त कारणों का संकेत मिला है, जिससे शांति भंग होने की संभावना है।
आपको बता दें कि 9 अगस्त को एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमीनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मिला था। पोस्टमॉर्टम में डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई, जिसके बाद डॉक्टरों ने न्याय की मांग को लेकर देशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी।