नया उत्तराधिकारी: जामनगर के राजघराने के वारिस का ऐलान, क्रिकेटर अजय जडेजा को बनाया उत्तराधिकारी

  • जामनगर के राजघराने के नए उत्तराधिकारी का नाम घोषित
  • अजय जडेजा ही बनेंगे अगले वारिस
  • जडेजा इस कारण छोड़ा था क्रिकेट

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-12 06:53 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात के जामनगर के जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी ने अपने राजघराने के वारिस का ऐलान किया है। उन्होंने भारतीय पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा को अपना उत्तराधिकारी चुना है। शत्रुशल्य सिंहीजी ने कहा कि, "मुझे आनंद है कि अजय जडेजा नवानगर के नए जाम साहब होंगे। मुझे लगता है कि जामनगर की जनता के लिए आशीर्वाद के रूप में होगा।" ऐसा इसलिए भी है क्योंकि क्रिकेटर अजय जडेजा जामनगर के ही हैं और नवानगर रियासत से ताल्लुक भी रखते हैं। साथ ही वह पहले से ही शत्रुशल्यसिंहजी के करीब माने जाते हैं इसलिए ऐसा माना भी जा रहा था कि वी नए जाम साहब बनेंगे और वैसा ही हुआ।

वारिस का इतिहास

अभी के जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी की कोई संतान नहीं है। जिसके चलते उन्हें अपने मन का वारिस चुनना था जो उन्होंने अजय जडेजा को चुन के किया। जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी के पिता दिग्विजय सिंह थे जिन्होंने जाम साहब का पद 33 साल तक संभाला। उनके चाचा रणजित सिंहजी ने उनको गोद लिया और अपना वारिस बनाया। जाम साहब रणजितसिंह के नाम पर ही भारतीय क्रिकेट की घरेलू स्पर्धा रणजी ट्रॉफी खेली जाती है।

इनके ही परिवार से हुई घोषणा

रणजितसिंह और दिलीप सिंहजी के परिवार से ही अजय जडेजा का नाता है ये इनके ही परिवार से आते हैं। इसलिए इनको आधिकारिक तौर पर वारिस घोषित किया गया है। बता दें रणजितसिंह और दिलीप सिंहजी के नाम पर ही रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी का नाम रखा गया है। शत्रुशल्य सिहंजी भी प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर रह चुके हैं और नवानगर के महाराजा की उपाधी पाने वाले आखिरी शख्स थे।

कब तक क्रिकेट खेला जडेजा ने?

अजय जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के एक बहुत ही शानदार खिलाड़ी रहे हैं। इन्होंने साल 1992 से 2000 तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेला है। इसके अलावा इन्होंने 15 टेस्ट मैच और 196 एकदिवसीय मैच खेले हैं। अजय जडेजा शाही जामनगर परिवार के वंशज हैं। मैच फिक्सिंग में उनका नाम आ गया था जिसके चलते उनके क्रिकेट खेलने पर बैन लगा दिया गया था। साल 2003 में उनके ऊपर से सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया था लेकिन उसके बाद जडेजा क्रिकेट नहीं खेल पाए। वह आईपीएल में अलग-अलग टीम के मेंटॉर रहे हैं, इस समय वे अफगानिस्तानी क्रिकेट टीम को कोचिंग दे रहे थे। 

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