किसान आंदोलन 2024: हरियाणा में 23 फरवरी तक इंटरनेट सेवा पर रोक, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं किसान
- हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवा बंद
- शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं
- बुधवार को एक किसान की झड़प के दौरान हुई मौत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान अपनी मांग को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आंदोलनकारी किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस बीच हरियाणा में एक बार फिर इंटरनेट सेवा पर पाबंदी बढ़ा दी गई है। 23 फरवरी तक हरियाणा के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में लोग मोबाइल इंटरनेट सेवा इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। साथ ही, इन जिलों के लोग बल्क में मैसेज भी नहीं कर पाएंगे। हरियाणा प्रशासन का कहना है कि इंटरनेट सेवा इसलिए बंद किया गया है कि ताकि भड़काऊ सूचना को नहीं फैलाया जा सके। इंटरनेट से सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इसलिए मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगाया गया है।
इधर, पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बुधवार सुबह करीब 11 बजे प्रदर्शनकारी किसान और पुलिस आमने-सामने आ गए। ‘‘दिल्ली चलो’’ मार्च के तहत किसान तेजी के साथ शंभू बॉर्डर पर कई चरणों में लगे बैरिकेड्स की ओर आगे बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे। जिसके चलते किसान इधर-उधर भागने लगे। बता दें कि, किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है। चौथे दौर की बातचीत के दौरान केंद्र सरकार ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक दालें, मक्का और कपास पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर आनाज खरीदने का प्रस्ताव किसान संगठन के सामने रखा। लेकिन किसानों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज करके दिल्ली कूच करने का फैसला किया।
किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने फैसला किया था। लेकिन, हरियाणा की सीमा पर ही इन किसानों को रोक दिया गया था। जहां किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प देखने को मिला। तब से ही किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि एमएसपी कानूनी को लागू किया जाए। साथ ही, किसानों के कर्ज को माफ किया जाए। इसके अलावा भी किसानों की कई मांगे हैं। जिसके चलते वह केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।