अवैध धर्मांतरण: अवैध धर्मांतरण केस में कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
- आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बनाते थे शिकार
- हवाला के जरिये आता था पैसा
- मौलाना को मिली अधिकतम सजा
- लखनऊ की NIA-ATS कोर्ट ने सुनाई सजा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश में लखनऊ की एनआईए-एटीएस कोर्ट ने फतेहपुर के अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इनके अलावा 4 दोषियों राहुल भोला ,मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, मोहम्मद सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपियों का ये गिरोह अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाता था। NIA-ATS कोर्ट ने आरोपियों को 417, 120B, 153A, 153B, 295A, 121A, 123 और अवैध धर्मांतरण की धारा 3, 4, और 5 के तहत दोषी पाया है।
आपको बता दें कोर्ट ने सभी आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार दिया था। और आज सजा का ऐलान किया है। एक अन्य आरोपी इदरीस कुरैशी को हाई कोर्ट से स्टे मिल गया था। NIA-ATS कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 दोषियों को अधिकतम उम्रकैद की सजा सुनाई है। यूपी एटीएस ने अलग अलग जिलों से आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
दोषियों का गिरोह बड़ी तादाद में गरीब लोगों का ब्रेनवॉश करके और लालच देकर अवैध धर्मांतरण कराते थे। आरोपियों ने अपने मनसूबों को अंजाम देने के लिए पूरे देश में जाल बिछाया था। गिरोह के पास हवाले के जरिए विदेशों से धन आता था। ये गिरोह आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग लोगों को अपना टारगेट बनाते थे। उन्हें बहला-फुसलाकर, डरा धमकाकर और दबाव बनाकर धर्मांतरण कराते थे।