इजराइल-हमास युद्ध पर वार्ता: गाजा में हो रहे कत्लेआम पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जाहिर की चिंता, खाड़ी देशों की बैठक में भारत का रखा पक्ष

  • इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गाजा में हो रही मौतों पर जताया दुख
  • खाड़ी देशों की बैठक में भारत की रखी बात

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-09 17:07 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 7 अक्टूबर को इजराइल और हमास के बीच युद्ध को शुरू हुए एक साल होने वाला है। लेकिन, इसके बावजूद इजराइल की ओर से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गाजा पर हमास को खदड़ने की अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-खाड़ी सहयोग संगठन की बैठक में इजराइल-हमास युद्ध पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने गाजा पट्टी पर मौजूदा हालातों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गाजा में जल्द से जल्द युद्धविराम होना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि गाजा के हालातों को लेकर भारत का रुख सैंद्धांतिक रहा है।

खाड़ी सहयोगी संगठन की बैठक में विदेश मंत्री ने लिया हिस्सा

बता दें, खाड़ी सहयोगी संगठन सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन देशों का समूह है। इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की लगातार हो रही मौतों से हमें गहरा दुख है। किसी भी प्रतिक्रिया में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द युद्ध विराम का समर्थन करते हैं।"

विदेश मंत्री ने आगे कहा, "बड़े मुद्दे पर हम लगातार दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़े रहे हैं। हमने फिलिस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है। जहां तक ​​मानवीय स्थिति का सवाल है, हमने राहत भेजी है और यूएनआरडब्ल्यूए को अपना समर्थन बढ़ाया है।" वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर एस जयंकर ने कहा, "महामारी ने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के लिए हम एक-दूसरे के लिए कितने जरूरी हैं।" इस बैठक में उन्होंने एआई, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन ग्रोथ की मांगों पर चर्चा की।

बैठक में पेश की ने 3पी की रूपरेखा

इसके बाद एस जयशंकर ने कहा कि भारत और जीसीसी के बीच का संबंध समय के साथ-साथ सशक्त होता गया है। अर्थशास्त्र, ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, लोगों से लोगों के संबंधों और उससे भी आगे तक तेजी से विकसित हुई है। इस मौके पर विदेश मंत्री ने 3पी यानी पीपुल, प्रॉस्पेरिटी और प्रोग्रेस की रूपरेखा सभी देशों के समक्ष पेश की।

विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आपके बीच 9 मिलियन भारतीय काम करते हैं और रहते हैं। यह एक जीवंत पुल का काम करते हैं। आपकी आर्थिक प्रगति में एक बड़ा योगदान है। हम उनके कल्याण और आराम को सुनिश्चित करने के लिए आपका धन्यवाद करते हैं। 

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