चांद पर कंपन: चांद पर आया भूकंप, चंद्रयान-3 ने दी जानकारी, वैज्ञानिक भी हुए हैरान, जानिए क्या है कारण
- चांद पर आया भूकंप
- चंद्रयान-3 ने दी जानकारी
- 250 से अधिक विशिष्ट संकेतों की हुई पहचान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज तक सबने सुना होगा कि धरती पर भूकंप आता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि चांद पर भी भूकंप आता है? चंद्रयान-3 ने जानकारी दी है कि चांद पर भूकंप आया है। रिपोर्ट के अनुसार, उल्कापिंड या गर्मी से संबंधित प्रभाव के कारण ये झटके लगे हैं। इसरो ने चंद्रयान-3 के भूकंपीय उपकरण से प्राप्त आंकड़ों का प्रारंभिक विश्लेषण किया है। जिसमें भूकंप आने की जानकारी मिली है।
विस्तृत अध्ययन है जरूरी
इकारस पत्रिका में प्रकाशित शोधपत्र में चंद्र भूकंपीय एक्टीविटी उपकरण (इल्सा) से दर्ज किए गए हैं। जिसमें 190 घंटे के आंकड़ों के अवलोकन का सारांश है। बता दें इल्सा वह पांच उपकरण में से एक है जिनको चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अपने साथ लेकर गए थे। रिसर्चर्स का कहना है कि, डाटा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है।
कितने घंटों का डाटा मिला?
इसरो ने बताया है कि भूकंप का पता लगाने वाले यंत्र इल्सा को 2 सितंबर, 2023 तक लगातार ऑपरेट किया गया था। जिसके बाद बंद कर दिया गया था। लैंडर को प्रारंभिक बिंदु से करीब 50 सेंटीमीटर दूर एक नए बिंदु पर रखा गया था। वहीं इल्सा ने चंद्रमा की सतह पर करीब 218 घंटे काम किया। जिससे हमें 190 घंटों का डाटा मिला है।
कितने संकेतों की हुई पहचान?
अध्ययन कर्ताओं ने लिखा है कि, "हमने 250 से अधिक विशिष्ट संकेतों की पहचान की है। जिसमें से लगभग 200 संकेत रोवर की भौतिक गतिविधियों या वैज्ञानिक उपकरणों के ऑपरेशन जुड़ी ज्ञात गतिविधियों से संबंधित हैं।" उन्होंने साथ में ये भी लिखा है कि लैंडर या रोवर की गतिविधियों से नहीं जोड़े जा सके 50 संकेतों को असंबद्ध घटनाएं माना गया है। इल्सा की तरफ से दर्ज असंबद्ध संकेत उपकरण की निकट सीमा पर उल्कापिंडों के प्रभाव, मिट्टी पर स्थानीय तापन का प्रभाव या लैंडर उप-प्रणालियों के अंदर का तापन समायोजन के चलते हो सकता है।