कोर्ट का आदेश: सुनीता केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, सोशल मीडिया हैंडल्स से हटानी होंगी वीडियो रिकॉर्डिंग
- दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनीता केजरीवाल को दिया आदेश
- सोशल मीडिया से हटाना होगा अदालती कार्यवाही का वीडियो
- मामले में अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज शनिवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोशल मीडिया से अदालती सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग हटाने का आदेश दिया है। यह वीडियो अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 28 मार्च को ट्रायल कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई सुनवाई के दौरान का है। सुनीता केजरीवाल ने अदालती कार्यवाही के दौरान रिकॉर्ड किए गए वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर शेयर किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने अब इस वीडियो को हटाने का आदेश दे दिया है। मामले में अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी।
वीडियो में क्या है?
हाईकोर्ट ने जिस वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया है उसमें अरविंद केजरीवाल कोर्ट को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 28 मार्च का है जब गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल को दूसरी बार अदालत में पेश किया गया था। दिल्ली सीएम ने न्यायाधीश कावेरी बावेजा को व्यक्तिगत रूप से संबोधित किया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सदस्यों ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग की और उसे सोशल मीडिया पर साझा किया। इसकी गहन जांच की आवश्यकता है ताकि अनाधिकार रिकॉर्डिंग करने के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें सजा दी जा सके।
किसने दायर की याचिका?
वकील वैभव सिंह ने सुनीता केजरीवाल के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर आज हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति नीना बंसल और अमित शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सोशल मीडिया से वीडियो रिकॉर्डिंग हटाने का आदेश दिया है। यह आदेश उन सभी लोगों पर लागू होता है जिन्होंने इस तरह के वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर शेयर किये हैं। उन्हें ये पोस्ट हटाने होंगे। याचिका में सुनीता केजरीवाल सहित अन्य पर ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की गई थी। याचिका में सुनीता केजरीवाल के साथ अक्षय मल्होत्रा, सोशल मीडिया यूजर नागरिक-इंडिया जीतेगा, प्रोमिला गुप्ता, विनीता जैन और डॉ. अरुणेश कुमार यादव पर भी कार्रवाई की मांग की गई है।