विधानसभा चुनाव 2024: राजस्थान की दिव्या मदेरणा को जम्मू कश्मीर चुनाव की जिम्मेदारी, क्या है कांग्रेस के फैसले की वजह?

  • कौन हैं दिव्या मदेरणा?
  • क्यों भेजा कांग्रेस ने इनको जम्मू कश्मीर?
  • कब हो सकते हैं जम्मू कश्मीर में चुनाव?

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-31 07:54 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान से कांग्रेस ने अपने तीन नेताओं को राष्ट्रीय सचिव और तीन को सह प्रभारी सचिव बनाया है। कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर को यूपी सचिव की कमान पकड़ाई गई है। राजस्थान में पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा और दानिश अबरार को राष्ट्रीय सचिव बनाया। वहीं दिव्या मदेरणा और मनोज यादव को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का सचिव बनाया गया है। इसके अलावा चिरंजीव राव, ऋत्विक मकवाना, पूनम पासवान को सहप्रभारी सचिव बनाया गया है।

दिव्या मदेरणा अपनी स्ट्रिक्ट पर्सनालिटी के लिए जानी जाती हैं। साथ ही राजस्थान में इनका खूब दबदबा है। लेकिन कांग्रेस अब इन्हें एक नई जिम्मेदारी सौंप रही है। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने का भार इन पर ही है।

आखिर कौन हैं दिव्या मदेरणा?

दिव्या मदेरणा का जन्म 25 अक्टूबर, 1984 में जयपुर में हुआ था। इनके पिता महिपाल मदेरणा कांग्रेस पार्टी के नेता थे। वहीं इनके दादा परसराम मदेरणा ने राजस्थान विधानसभा में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया था। मदेरणा ने इंग्लैंड के नॉटिंघम विश्विद्यालय से अर्थशास्त्र में पढ़ाई की है। मदेरणा ने 26 साल की उम्र में जोधपुर के ओसियां में जिला परिषद का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। 39 साल की दिव्या ने साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर ओसियां से राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। लेकिन 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में उनको हार का भी सामना करना पड़ा था।

जिम्मेदारी मिलने पर धन्यवाद

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिम्मेदारी मिलने पर दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस के मुख्य नेताओं को धन्यवाद किया है। साथ ही उन्होंने पोस्ट करते हुए कहा कि मुझे आपने एआईसीसी सचिव के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संयुक्त प्रभारी नियुक्त किया है। मेरे दादजी श्री परसराम जी मदेरणा और पिताजी श्री महिपाल मदेरणा ने मुझे विरासत में अपनी पार्टी के प्रति अटूट निष्ठा और सेवा भाव दी है। उनके आदर्शों को परिपाक करते हुए मैं इस दायित्व को पूरी तन्मयता, कुशलता के साथ निभाऊंगी। साथ ही मैं पार्टी के सिद्धांतों और मूल्यों के अनुरूप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कांग्रेस को और ज्यादा मजबूत करने के लिए पूरी कोशिश करूंगी। आपके विश्वाश के लिए पुनः हार्दिक धन्यवाद।

कब हो सकते हैं विधानसभा चुनाव?

जम्मू कश्मीर में तीन चरण में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। राज्य में पहले चरण के चुनावों के बाद के मुताबिक 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। जिसके बाद दूसरे चरण में 26 सीटों पर 25 सितंबर को होना है। वहीं तीसरे चरण के चुनाव 1 अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर होने हैं। जिसके बाद मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।

कश्मीर की मिली जिम्मेदारी

नेशनल कॉन्फ्रेंस यानी एनसी और कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया है। जिसमें 90 विधानसभा सीटों में से एनसी 52 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रस 31 सीटों पर लड़ेगी। दोनों पार्टी ने दो सीटें छोड़ी है। जिसमें एक सीपीआई एम और एक पैंथर्स पार्टी के लिए।

इलेक्शन कमीशन के अनुसार, जम्मू कश्मीर में 90 चुनाव क्षेत्रों में 87.09 लाख वोटर्स हैं, जिसमें से 42.6 लाख महिलाएं हैं। बता दें यहां पहली बार वोट देने वाले युवा वोटर्स की संख्या 3.71 लाख है। वहीं 20.7 लाख युवा वोटर्स हैं जिनकी उम्र 20 से 29 साल के बीच है। 

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