चीन की नई करतूत: बांग्लादेश में चीनी जहाजों के आने पर भारतीय मीडिया ने जताई आपत्ति, जासूसी के आरोप पर चीनी अखबार ने उगला जहर

  • बांग्लादेश में पहुंचा चीनी जहाजों का बेड़ा
  • भारतीय मीडिया के संदेह पर चीन को लगी मिर्ची
  • चीनी अखबार ने भारत को लेकर उगला जहर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-14 13:02 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने अपनी करतूतों से एक बार फिर भारत की मुश्किलें बढ़ा दी। बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी चटगांव बंदरगाह पर शनिवार को चीनी नौसेना ट्रेनिंग जहाज Qi Jiguang (Hull 83) और डॉक लैंडिंग जहाज Jinggangshan पंहुचे। माना जा रहा है कि यहां पर चीनी नौसेना के ये दोनों जहाज तीन दिनों तक रूकेंगे। बता दें, बांग्लादेश में मोहम्मू यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद पहली बार विदेशी जहाजी बेड़ा रुकने वाला है।

दरअसल, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी मोहम्मद यूनुस के नेतृ्त्व वाली अंतरिम सरकार की चीन से करीबी बढ़ती चली गई है। श्रीलंका, मालदीव समेत भारत के पड़ोसी देशों में चीन डॉक करता रहता है। इस वजह से भारत को चीन पर जासूसी का संदेह रहा है। पड़ोसी देशों में चीनी जहाजों की आवाजाही भारत के लिए चिंताजनक रही है। माना जा रहा है कि बांग्लादेश में चीनी नौसेना के दो जहाजों का आना भारत के लिए किसी टेंशन से कम नहीं है।

इस बारे में चीन के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है। जिसके मुताबिक, यात्रा के दौरान बांग्लादेश में चीनी बेड़ा द्विपक्षीय बैठकें आयोजित करेगा। इन बैठकों में चीन स्थानीय लोगों के साथ प्रोफेशनल बातचीत करेगा। इस बातचीत के जरिए चीनी नौसेना और बांग्लादेशी नौसेना के साथ बातचीत, सहयोग और आपसी विश्वास को सशक्त बनाना है।

चीन को लगी मिर्ची

बांग्लादेश में चीनी जहाजों के रुकने पर भारतीय मीडिया ने संदेह जताया है। इस पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जहर उगला है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारतीय मीडिया ने चीनी नौसैनिक बेड़े के कवरेज में जो सतर्क लहजा अपनाया है, उससे भारत की 'जीरो-सम मेंटालिटी' (अगर कोई देश भारत के साथ है तो वह चीन के साथ रिश्ता ना मजबूत करे) और दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन के नॉर्मल मिलिट्री एक्सचेंज के प्रति उसका संदेह उजागर हो गया है'

इसके बाद अखबार में आगे लिखा गया, "चीनी नौसेना का बेड़ा चार साल के बाद बांग्लादेश में आया है। यह बांग्लादेशी अंतरिम सरकार की स्थापना के बाद से विदेशी नौसेना का पहला बेड़ा है। बांग्लादेश में चीनी दूतावास का कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य चीन और बांग्लादेश के बीच मित्रता और सहयोग को मजबूत करना है।

द हिंदू ने अखबार में कही ये बात

दरअसल, द हिंदू ने अखबार में बांग्लेदश के चटगांव में चीनी बेड़े के आने को वहां के कंस्ट्रशन के काम से जोड़कर बताया है। अखबार में लिखा गया है कि चीनी जहाज बेड़े में पनडुब्बियों और युद्धपोतों के रखने की क्षमता है। इस वजह से चीनी जहाज बंदरगाह के कंस्ट्रकशन काम के सिलसिले में यहां पहुंचा होगा।

चीन के सिंघुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में शोध विभाग के निदेशक कियान फेंग ने भारतीय मीडिया में चल रही खबरों पर बात रखी है।

ग्लोबल टाइम्स ने चीनी एक्सपर्ट के हवाले से लिखा, " भारतीय मीडिया की अटकलें और चीन-बांग्लादेश के बीच नॉर्मल डिफेंस एक्सचेंज के प्रति सतर्क रवैया, अन्य दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन के सहयोग को लेकर भारत की जीरो-सम मेंटालिटी को दिखाती है। भारत बाकी दक्षिण एशियाई देशों को अपने पीछे चलने वाले देशों की तरह मानता है और उसकी यह मानसिकता इसी धारणा का नतीजा है।"

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, "अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत, चीन के प्रति बांग्लादेश की नीति पर कड़ी नजर रख रहा है। लेकिन ट्रेनिंग बेड़े की यात्रा यह संकेत देती है कि न केवल मिलिट्री क्षेत्र में, बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में भी चीन के साथ बांग्लादेश का सहयोग पहले जैसा ही रहेगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं और दोनों ही देश चाहते हैं कि ये संबंध आगे बढ़ें।"

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