बृजभूषण को पहला झटका, रद्द करनी पड़ी महारैली, इन आरोपों के बाद बैकफुट पर आने को मजबूर
- महिला पहलवानों की एफआईआर कॉपी आई सामने
- बालिग और नाबालिग पहलवानों ने लगाए आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप में घिरे भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने 5 जून को आयोध्या में होने वाली अपनी महारैली को रद्द करने का निर्णय लिया है। बीजेपी सांसद ने यह कदम उनके खिलाफ पहलवानों के आरोप सामने आने के बाद उठाया है।
रैली रद्द करने पर बोले बृजभूषण
जानकारी के मुताबिक, अयोध्या पुलिस प्रशासन ने वहां धारा 144 लागू होने और पर्यावरण दिवस को देखते हुए रैली की अनुमति देने से इनकार किया है। वहीं इस मामले पर बृजभूषण सिंह का कहना है कि 'आयोध्या में महारैली का आयोजन इसलिए किया जा रहा था ताकि मौजूदा समय में देश के अलग-अलग स्थानों में कई राजनीतिक पार्टियां रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का काम कर रहीं हैं उस पर विचार विमर्श किया जा सके। लेकिन फिलहाल पुलिस द्वारा मुझ पर लगे आरोपों की जांच करने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सम्मान करते हुए 5 जून को आयोध्या में होने वाली जन चेतना महारैली को रद्द करने का फैसला लिया गया है।'
बता दें कि बृजभूषण के खिलाफ महिला पहलवानों ने दो एफआईआर दर्ज कराई हैं। पहली बालिग पहलवानों से जुड़ी जबकि दूसरी नाबालिग पहलवानों से जुड़ी है। इन शिकायतों में जहां बालिग पहलवानों ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने उनके साथ कई बार बुरा बर्ताव किया। उन्हें गलत ढंग से छुआ। सांस चेक करने के बहाने उनकी टीशर्ट उतरवाई। वहीं नाबालिग पहलवान का आरोप है कि बृजभूषण ने उनसे शारीरिक संबंध बनाने की मांग की थी। पहलवानों के मुताबिक बृजभूषण ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि अगर वो ऐसा करने में मेरा साथ नहीं देंगी तो इसका अंजाम उन्हें एशियन चैंपियनशिप के ट्रायल में भुगतना होगा।
बता दें सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर 28 अप्रैल को दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं। इन दोनों ही एफआईआर की कॉपी अब सामने आई है। एफआईआर में जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है वह कथित तौर पर 2012 से 2022 तक देश और विदेश में अलग-अलग हिस्सों में हुई थीं।
बृजभूषण पर दर्ज धाराएं
बृजभूषण पर दर्ज धाराएं दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग),354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) 34 (सामान्य इरादे) में शिकायत दर्ज की गई है। बृजभूषण के खिलाफ दर्ज की गई पहली एफआईआर पर छह वयस्क पहलवानों के आरोप शामिल हैं। इसमें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के सचिव विनोद तोमर का भी नाम है। धारा 354 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से, उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती करता है या आपराधिक बल का उपयोग करता है तो वह इस धारा के तहत सजा का पात्र होगा। बृजभूषण पर लगे इन आरोपों में न्यूनतम एक वर्ष से तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 के अनुसार। सजा को अधिकतम पांच साल तक भी बढ़ाया जा सकता है साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
इसके अलावा पॉक्सो मामले में बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर दूसरी एफआईआर में से एक नाबालिग पहलवान के पिता ने दर्ज कराई है। जो पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस) अधिनियम की धारा 10 के तहत दर्ज की गई है। इस धारा के मुताबिक किसी नाबालिग यानी 18 साल से कम उम्र के बच्चे का शारीरिक शोषण पॉक्सो अधिनियम के दायरे में आता है। ऐसे केसों की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होती है। जिसमें आरोप तय होने पर पांच से सात साल की सजा का प्रावधान है।